प्रकाश अंबेडकर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में ठाकरे बंधुओं ने हिंदी भाषा के खिलाफ मोर्चे का ऐलान किया है। शुक्रवार को राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के इस आंदोलन को शरद पवार गुट ने भी अपना समर्थन दे दिया है। शरद पवार गुट के समर्थन मिलने के बाद अब पार्टी को जोश और बढ़ गया। इस पर वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस आंदोलन को लेकर और शरद पवार गुट के शामिल होने पर सवाल उठाए है।
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने हिंदी भाषा के विरोध में ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने पर बयान दिया है। उनका कहना है, “दोनों इस मुद्दे पर रैली निकाल सकते हैं, साथ आ सकते हैं और नगर निगम चुनाव के दौरान साथ बैठ भी सकते हैं। मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं दिखती।”
उन्होंने आगे कहा कि, “सवाल यह है कि एनसीपी-एसपी को बिन बुलाए मेहमान की तरह इसमें शामिल किया गया है, जबकि कांग्रेस अभी भी बाहर है। क्या यह महाविकास अघाड़ी की रैली है या इन दोनों पार्टियों की रैली है? मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।”
Mumbai, Maharashtra: Vanchit Bahujan Aghadi president Prakash Ambedkar gave a statement on the Thackeray brothers coming together to protest against the Hindi language. He says, “Both can take out a rally on this issue, come together, and can also sit together during the… pic.twitter.com/BstkdzGemb
— IANS (@ians_india) June 28, 2025
हिंदी भाषा की अनिवार्यता पर बात करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने कहा, “हिंदी भाषा एक ऑफिशियल भाषा की तरह देखा जाता है। बचपन में हमे भी हिंदी ऑपश्नल भाषा हुआ करती थी और 90 प्रतिशत बच्चे हिंदी भाषा को ऑप्शन में लेकर पढ़ते थे। अब रंगाबिल्ला की राजनीति जो चली है उसे लोगों ने समझना चाहिए। उनका हर एक्शन दरार लाने वाला है। इसलिए मैं मानता हूं कि हिंदी भाषा को अनिवार्य करना इनकी चाल है। ये चाहते की राज्य में किसी-न-किसी तरह की दरार आए, ये मेरा इन पर आरोप है।”
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प्रकाश अंबेडकर के बयान ने एक बार फिर सनसनी मचा दी है। ठाकरे बंधुओं का यह आंदोलन केवल दोनों भाईयों का है या महाविकास अघाड़ी भी इसमें अपना योगदान देकर एक होगी, इस पर सवाल खड़ा हो गया है। शरद पवार गुट के शामिल होने के बाद अब कांग्रेस की प्रतिक्रिया क्या होगी, ये देखना खास होगा। हिंदी भाषा के खिलाफ आवाज उठा रहे ठाकरे बंधओं ने अपने आंदोलन की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने मराठी जनता, साहित्यकार, अभिनेता, विद्यार्थियों से भी इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है। राज ठाकरे 5 जुलाई तो उद्धव ठाकरे 7 जुलाई को आंदोलन करने जा रहे है।