
अवादा सोलर प्लांट हादसा (सौजन्य-नवभारत)
MIDC Solar Plant Accident: बूटीबोरी के एमआईडीसी फेज-2 स्थित अवादा सोलर प्लांट कंपनी में शुक्रवार को हुए भीषण हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। इस दुर्घटना में 6 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 10 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। मृत मजदूरों में कई बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया, जिससे पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
घायलों में सबसे गंभीर हालत बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गवसरा निवासी प्रकाश साहनी (25) की है। उसे तुरंत बूटीबोरी के माया अस्पताल में भर्ती कराया गया। माया अस्पताल के डॉ. श्याम देवतले ने बताया कि अब तक प्रकाश सहानी के 4 बड़े ऑपरेशन किए जा चुके हैं। पेट, छाती और गुप्तांग की सर्जरी की गई है तथा करीब 20 बैग खून चढ़ाया गया।
उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है। उसकी हालत नाजुक लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। हादसे के समय प्रकाश साहनी टंकी के बेहद पास काम कर रहा था। इस दुर्घटना में शुभांशु कुमार साहनी, बुलेट कुमार सहा, शमीम अहमद अंसारी, अशोक कंचन पटेल, अरविंद कुमार ठाकुर और अजय राजेश्वर पासवान की मौत हो गई थी।
अनवर बशीर अंसारी और मुक्तार इसाक अंसारी भी गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है। बूटीबोरी एमआईडीसी और एमआईडीसी फेज-2 को एशिया की बड़ी औद्योगिक इकाइयों में गिना जाता है, जहां हजारों मजदूर रोजगार के लिए काम करते हैं लेकिन बार-बार हो रहे हादसों ने कंपनियों के सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूर संगठनों का कहना है कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय न होने के कारण मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
सरकार की ओर से मृत मजदूरों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की गई है। अवादा इलेक्ट्रो प्रा। लि। कंपनी ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 30 लाख रुपये और जख्मी मजदूरों को 10-10 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है। इसके बावजूद मजदूरों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है।
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मजदूर नेताओं का कहना है, ‘हमारे लिए पैसों से ज्यादा हमारा इंसान कीमती है। हादसे की सच्चाई सामने आनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’ बूटीबोरी क्षेत्र और अस्पताल परिसर के बाहर भारी पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।






