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नागपुर. मुंबई और पुणे के बाद अब सिटी में भी डबल डेकर बस का संचालन करने की दिशा में संभावनाएं तलाशी जाएंगी. हाल ही में मुंबई में बेस्ट के बेड़े में डबल डेकर बस शामिल हुई है. इसी तरह पुणे में भी डबल डेकर बस आ रही है. इसी तर्ज पर यहां भी संभावनाएं तलाशने की जिम्मेदारी डिम्ट्स कम्पनी को सौंपे जाने की जानकारी परिवहन व्यवस्थापक रवीन्द्र भेलावे ने दी. उल्लेखनीय है कि सिटी में 90 के दशक में 2 डबल डेकर बसों का संचालन होता रहा है लेकिन बाद में इच्छाशक्ति के अभाव में इन बसों के पहिए रुक गए. यहां तक कि इन बसों को भंगार में डाल दिया गया. अब पुन: प्रयास किए जा रहे हैं. भेलावे ने कहा कि यदि व्यवहार्यता रही तो ही डबल डेकर बस चलाई जाएगी. फिलहाल इस संदर्भ में कोई भी फैसला नहीं हुआ है.
परिवहन विभाग के बजट में शहर बस सेवा को सक्षम बनाने के लिए कुछ उपाय योजनाएं घोषित की गई है जिसके अनुसार विज्ञापन नीति के भरोसे 1 करोड़ की आय का लक्ष्य रखा गया है. गत अनेक वर्षों से बस पर विज्ञापन का मसला अटका हुआ है. उसे हल कर मनपा की तिजोरी भरने का प्रयास होगा.
सिटी के बीच स्थित मोरभवन से भी आपली बस का संचालन होता है जिसके लिए 8 प्लेटफार्म आरक्षित है. लेकिन लंबे समय से मोरभवन का विकास नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से उत्तर अंबाझरी मार्ग के दोनों ओर आपली बसों की पार्किंग हो रही है. पीकेवी की ओर से 5 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था. किंतु पेड़ों को लगाने का मसला हल नहीं होने के कारण विकास अटका रहा है. अब इसका विकास होगा जिसके लिए परिवहन विभाग के बजट में 12 करोड़ का प्रावधान किया गया. वर्तमान में यहां पर 1,024 पेड़ है. जिसे हटाने के बाद अन्य जगह पर पेड़ों को लगाया जाना है. केंद्रीय वृक्ष प्राधिकरण की ओर से इसे मंजूरी प्राप्त हुई है.
बिना टिकट यात्रा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अब हाईटेक तकनीकी का प्रयोग हो रहा है. जिसके लिए चलो एप की मदद से प्रायोगिक तत्व पर 10 इलेक्ट्रिक बसों में टैप-इन और टैप आउट की तकनीकी शुरू की गई है. खापरखेड़ा मार्ग पर इसका संचालन हो रहा है. बस में चालक के पास के प्रवेश द्वार से भीतर आने पर तथा दूसरे प्रवेश द्वार पर लगी मशीन पर कार्ड पंच करने के बाद ही टिकट शुल्क काटा जाता है. चूंकि यह प्रयोग सफल होता दिखाई दे रहा है. अत: अन्य बसों में भी इसे चलाने का प्रयास होगा.
-15वें वित्त आयोग से प्राप्त निधि में से वायु गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आरक्षित निधि में से इलेक्ट्रिक बस डिपो निर्मिति होगी. जिसके लिए 8 करोड़ का प्रावधान तथा सहायक अनुदान में से 4 करोड़ मिलाकर कुल 12 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
-239 बस स्टॉप बीओटी तत्व पर निर्मित होंगे. जिसमें से मनपा को प्रति बस स्टॉप 14,600 रु. रायल्टी विज्ञापनों के माध्यम से होगी.
-सिटी बस स्टॉप पर दिशा-निर्देशक बोर्ड लगाने के लिए 75 लाख का प्रावधान.
-खापरी, मोरभवन डिपो सहित अन्य जगहों के डिपो का भी विकास.
-वाठोड़ा में 10 एकड़ जगह पर 8 चार्जिंग स्टेशन.
-विकलांगों के लिए इलेक्ट्रिक बसों में रैम्प और सुलभ आसन व्यवस्था.
-15 एसी इलेक्ट्रिक मिडी बसों के लिए ऑरेंज स्ट्रीट डिपो, हिंगना में 15 डीसी इलेक्ट्रिक चार्जिंग