विरार हादसा (pic credit; social media)
Maharashtra News: विरार स्थित रमाबाई अपार्टमेंट बिल्डिंग दुर्घटना मामले में नया मोड़ सामने आया है। मंगलवार को नारिंगी विजयनगर इलाके में ढही इस इमारत में 17 लोगों की मौत हुई और 9 अन्य घायल हुए थे। इस मामले की जांच अब अपराध शाखा यूनिट 3 को सौंप दी गई है।
इससे पहले, निर्माण व्यवसायी नीतल साने (48) को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले में दो महिलाएं और दो पुरुष समेत चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में शुभांगी भोईर (38), संध्या पाटिल (35), उनके दामाद सुरेंद्र भोईर (46) और मंगेश पाटिल (35) शामिल हैं। इन सभी को अदालत में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि डेवलपर नीतल साने को दोबारा अदालत में पेश कर 6 दिन की अतिरिक्त पुलिस हिरासत में भेजा गया।
पुलिस के अनुसार, निर्माण कार्य 2008 से 2011 के बीच हुआ था और यह इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी। जमीन मालिक परशुराम दलवी और डेवलपर नीतल साने के बीच निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन दलवी के निधन के बाद उनकी दो बेटियों और दामाद ने निर्माण कार्य संभाला।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में इमारत के निर्माण और प्रबंधन में शामिल लोग शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि सभी आरोपी इमारत की अवैध निर्माण प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के लिए जिम्मेदार हैं।
शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने मामले की गंभीरता के साथ जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शाहूराज रानावरे ने बताया कि अपराध शाखा यूनिट 3 को मामला सौंपने के बाद जांच में तेजी लाई जाएगी और सभी जिम्मेदारों को कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
इस हादसे ने विरार और आसपास के इलाकों में भवन निर्माण की नियम पालन और सुरक्षा मानकों की गंभीर समीक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी इमारतों की निगरानी बढ़ा दी है और आगामी समय में कड़े कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है।