
वीएचपी प्रवक्ता श्रीराज नायर व राहुल गांधी (सोर्स: सोशल मीडिया)
VHP Spokesperson Sriraj Nair Slams Rahul Gandhi: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार चुनाव हार रहे हैं और हताश हो चुके हैं। पहले वे ईवीएम में घोटाले की बात कहते थे, अब वे सरकार पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा रहे हैं।
नायर ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी और वोट चोरी दोनों बातें एक साथ सही नहीं हो सकती हैं, इसलिए अगर ईवीएम में गड़बड़ी संभव है तो फिर वोट चोरी की क्या जरूरत पड़ी?
श्रीराज नायर ने भारत में चुनावी अखंडता को बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार की तरह, देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) होना चाहिए।
इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य उन लोगों को मतदाता सूची से हटाना है, जिन्होंने अवैध रूप से नाम दर्ज कराया है। नायर ने जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया भारत के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करेगी।
उन्होंने मुंबई के मालवणी क्षेत्र में अवैध मतदाताओं के मुद्दे को गंभीर बताया। नायर ने आरोप लगाया कि मालवणी में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और बाहरी लोगों को योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विशेषकर यहां के विधायक असलम शेख ने अवैध वोटों के सहारे चुनाव जीता है।
चुनावी मुद्दों के साथ-साथ, वीएचपी प्रवक्ता नायर ने फिल्म ‘ताज’ की भी सराहना की, और कहा कि यह मूवी भारत के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करती है। उन्होंने लोगों को इसे अवश्य देखने की अपील की, क्योंकि यह फिल्म गहन शोध पर आधारित है और वास्तविक इतिहास को सामने लाने का कार्य करती है। उन्होंने अभिनेता परेश रावल के अभिनय की भी प्रशंसा की।
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नायर ने इतिहास की शिक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश, अब तक हमारे बच्चों को इतिहास का एकतरफा रूप पढ़ाया गया है। उनका मानना है कि इसका कारण पाठ्यपुस्तकों पर वामपंथी विचारधारा का प्रभाव रहा है।
उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि भारत का इतिहास इस्लाम और क्रिश्चियन धर्मों के आगमन से कई शताब्दियों पूर्व से ही समृद्ध रहा है।
ताजमहल जैसी इमारत विश्व में कहीं नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह दावा किया कि भारत में जितनी भी भव्य इमारतें मुगल स्थापत्य शैली के नाम पर जानी जाती हैं, वे वास्तव में हिंदू शिल्पकारों द्वारा निर्मित हैं, जिनमें भारतीय संस्कृति की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। नायर ने निष्कर्ष निकाला कि ‘ताज’ जैसी फिल्मों से नई पीढ़ी भारत के प्राचीन गौरव और सांस्कृतिक विरासत को सही रूप में समझ सकेगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






