
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
IPO Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 40 करोड़ रुपये के कथित, धन शोधन से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिसने 2022 में एक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉकर और शेयरों में हेराफेरी करके कई निवेशकों को ठगा था।
जांच एजेंसी ने ‘पंप एंड डंप’ और ‘ड्रॉअर कंपनी’ जैसी तकनीकों का उपयोग करके वित्तीय रिकॉर्ड में,’ बड़े पैमाने पर’ हेराफेरी की जांच के लिए 29 अक्टूबर को मुंबई में छापेमारी की, और ‘म्यूल’ बैंक खातों से जुड़ी 400 चेक बुक तथा 200 मोबाइल फोन सिम कार्ड जब्त किया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही। यह जांच ‘वरेनियम क्लाउड लिमिटेड’ नामक कंपनी, उसके प्रवर्तक हर्षवर्धन सबले और अन्य संबद्ध संस्थानों के खिलाफ है।
कंपनी और उससे जुड़ी कंपनियों ने सितंबर 2022 के अपने आईपीओ के माध्यम से, लगभग 40 करोड़ रुपये जुटाए और दावा किया कि इसका उपयोग छोटे शहरों में एज डेटा सेंटर तथा डिजिटल लर्निंग सेंटर स्थापित करने के लिए किया जाएगा।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि इसने खुद को डिजिटल मीडिया, ब्लॉकचेन और एडटेक के क्षेत्र में तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में पेश किया, यहां तक कि आईपीओ को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख व्यावसायिक समूहों, तथा मीडिया आउटलेट्स के नामों का भी इस्तेमाल किया, जिससे जनता का विश्वास हासिल हुआ।
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जब्त सामग्री की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि केवाईसी से संबंधित जाली दस्तावेजों और नकली सिम कार्डों का इस्तेमाल करके खोले गए। ‘म्यूल’ बैंक खातों का एक ‘विशाल’ नेटवर्क मुंबई से संचालित किया जा रहा था।






