पालकमंत्री गणेश नाईक (pic credit; social media)
Maharashtra News: विरार में एक चार मंजिला अवैध इमारत ढहने से 17 लोगों की मौत और 9 घायल होने के बाद शहर में अवैध निर्माण का मुद्दा एक बार फिर उभरकर सामने आया है। रमाबाई अपार्टमेंट के मलबे में दबे लोगों की त्रासदी ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है और अब अधिकारियों ने शहर में अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
पालघर जिले के पालकमंत्री गणेश नाईक ने मंगलवार को इस घटना की गंभीर समीक्षा की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गणेशोत्सव के बाद शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की जाएगी। नाईक ने स्पष्ट किया कि जो इमारतें खतरनाक स्थिति में हैं, उनका निर्माण अनुचित तरीके से किया गया है और ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नगर आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी ने भी पुष्टि की कि शहर में बने अनधिकृत निर्माणों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में 66 से अधिक अवैध निर्माण ऐसे हैं, जो कई दशकों में बन चुके हैं और अब उनकी सुरक्षा और वैधता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पालकमंत्री नाईक ने कहा कि पुराने दौर में हुई गलत निर्माण प्रक्रियाओं और प्रशासनिक लापरवाहियों के कारण यह दुर्घटना हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह अवैध निर्माण हुए, उनकी भी जांच होगी और दोषी पाए जाने वालों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वहीं, इस हादसे से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने और उन्हें सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने की भी तैयारी की जा रही है। प्रशासन ने घटनास्थल पर राहत कार्य तेज कर दिया है और प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी प्रबंध किए गए हैं।
इस प्रकार, विरार हादसे ने न केवल शहर में अवैध निर्माण के खतरों को उजागर किया है, बल्कि पालघर प्रशासन और पालकमंत्री के सख्त रुख के बाद अब भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक कार्रवाई की संभावना भी बढ़ गई है।