संजय राउत (pic credit; social media)
Sanjay Raut on Gavai Shoe Matter: देश के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर सोमवार को किसी वकील द्वारा जूता फेंकने की कोशिश ने पूरे देश में सनसनी मचा दी। यह घटना न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई है और इसे गंभीर रूप में देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में इस घटना ने सुरक्षा खामियों की भी चर्चा शुरू कर दी है।
वहीं, चीफ जस्टिस पर जूते से हमले की कोशिश अब राजनीतिक रंग लेने लगी है। विपक्ष इस मामले को लेकर सत्ताधारी पार्टी पर हमलावर हो गया है। संविधान और न्यायपालिका की सुरक्षा पर पूरे देश में बहस तेज हो गई है।
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि “भूषण रामकृष्ण गवई कोई मामूली जस्टिस नहीं हैं, वे भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे संवैधानिक रूप से देश में एक महत्वपूर्ण पद पर हैं। फिर भी, ऐसे सरफिरे लोग उन पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।”
राउत ने कहा कि इस हमले के बाद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या आरएसएस प्रमुख की ओर से कोई बयान नहीं आया। यह सत्ता में बैठे लोगों की संवेदनशीलता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने इसे केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि संविधान और न्यायपालिका पर हमला बताया।
संजय राउत ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर भी गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वोट अधिकार यात्रा और लोकतंत्र पर बढ़ते खतरे पर ध्यान देना चाहिए। राउत का आरोप है कि कुछ लोग एक ही घर में 100 लोगों को वोटर बनाकर लोकतंत्र का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार महिलाओं के वोट खरीदने की कोशिश कर सकती है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
राउत ने जोर देकर कहा कि संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखना सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है। उनके अनुसार, यह घटना देश के लिए सीख है कि न्यायपालिका की सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।