sanjay raut (pic credit; social media)
Mumbai Mayor: मुंबई की राजनीति में एक बार फिर ‘ठाकरे ब्रदर्स’ की जोड़ी सुर्खियों में है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राऊत ने दावा किया है कि मुंबई का अगला महापौर मराठी भाषी होगा और वह ठाकरे बंधुओं की पार्टी से ही होगा। यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन अब लगभग तय माना जा रहा है।
राऊत ने रविवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा, “दिल्ली के जूते उठाने वाला कोई भी व्यक्ति मुंबई का मेयर नहीं बनेगा। असली भगवा के बैनर तले ही मुंबई को मराठी मेयर मिलेगा।” उनके इस बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है।
जानकारी के मुताबिक, मातोश्री में रविवार को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की लंबी मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, पुणे और नाशिक मनपा चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई। राऊत के मुताबिक, “सीट बंटवारे पर भी बात हो चुकी है और अब रिश्ता राजनीतिक ही नहीं, पारिवारिक रूप से भी मजबूत हुआ है।”
राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि आने वाले बीएमसी चुनाव में ठाकरे बंधुओं की युति महायुति सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अगर यह गठबंधन औपचारिक रूप से बनता है तो मुंबई की राजनीति में दशकों बाद ठाकरे परिवार की ‘डबल पावर एंट्री’ होगी।
संजय राऊत ने कहा, “अब बात बहुत आगे बढ़ चुकी है। दोनों नेताओं के बीच सिर्फ घोषणा बाकी है। ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने से मराठी मानुस को फिर से उसका असली प्रतिनिधित्व मिलेगा।”
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात को लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि यह युति भाजपा-शिंदे गुट के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है।मुंबई की जनता के लिए यह दृश्य नया नहीं होगा। जब ठाकरे नाम एक साथ दिखाई दे, तो सियासत में हलचल होना तय है।