उद्धव ठाकरे ने ईडी पर बोला हमला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Saamana praised CJI BR Gavai: कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर सवाल उठाए। ईडी पर सवाल उठाए जाने को लेकर राजनीतिक दलों में बहस शुरू हो गई। इस मुद्दे पर शिवसेना यूबीटी ने भी अपने मुखपत्र “सामना” में जांच एजेंसी पर तीखी टिप्पणी की। सामना में यूबीटी ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी को फटकार लगाए जाने के बाद, ‘सामना’ में लिखे एक लेख में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा गया कि, “अब मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने ईडी की टेढ़ी पूंछ पकड़कर उसे पटक दिया है।” इस लेख में मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की तारीफ की गई है।
‘सामना’ ने मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की टिप्पणियों का हवाला देते हुए लिखा, “ईडी राजनीति करती है, राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में सत्ताधारियों की कठपुतली की तरह काम करती है। ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।” इस लेख में बताया गया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के ज़मीन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई है।
साथ ही, यह भी पूछा गया कि मुख्य न्यायाधीश ने इतने कड़े शब्दों में फटकार लगाई, लेकिन क्या ईडी समझदारी दिखाएगा? ‘सामना’ के लेख के ज़रिए आरोप लगाए गए कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने से भाजपा संतुष्ट नहीं थी, इसलिए भाजपा ने कर्नाटक में ईडी को खुली छूट दे दी।
इसमें लिखा है, “ईडी ने कांग्रेस नेताओं का पीछा करना शुरू कर दिया और महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी कार्रवाई शुरू कर दी, मानो उसने विपक्षी सरकार गिराने का ठेका ले रखा हो। महादेव ऐप मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेर लिया। बघेल के बेटे को भी गिरफ़्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विपक्षी दलों के मामले में ये सारी गतिविधियां लगातार हो रही हैं और ईडी का इस्तेमाल राजनीति में भाजपा के मोहरे की तरह किया जा रहा है।”
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लेख में आगे लिखा है, “महाराष्ट्र में जिन लोगों के खिलाफ ईडी को कार्रवाई करनी चाहिए और अपराधियों को जेल में डालना चाहिए, उनमें से ज़्यादातर कैबिनेट और सत्ताधारी दल में हैं, लेकिन भाजपा और शिंदे के राजनीतिक विरोधियों पर कार्रवाई हो रही है। जहां विपक्षी दलों की सरकारें हैं, वहाँ ईडी पूरी ताकत से अपना काम कर रही है।”
लेख में लिखा है, “ईडी जैसी एजेंसी कई बार बेनकाब हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को करारा झटका दिया है। इसके लिए मुख्य न्यायाधीश गवई की जितनी तारीफ की जाए कम है।”