संजय राउत (pic credit; social media)
Mumbai News: शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) चाहती है कि कांग्रेस को भी साथ लेकर चला जाए। राउत की इस टिप्पणी से संकेत मिलते हैं कि राज ठाकरे नीत मनसे महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा बन सकती है। हालांकि राउत के बयान के बाद मनसे ने कहा कि पार्टी का रुख पार्टी प्रमुख तय करेंगे।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने शिवसेना नेता की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा, ‘‘पार्टी ही अपना रुख बताएगी कोई और नहीं। भविष्य में भी केवल हम ही अपना रुख बताएंगे।” मनसे के संबंध में राउत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चचेरे भाइयों राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ मिलाने की अटकलें हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मनसे प्रमुख एमवीए का हिस्सा बनेंगे या नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या राज ठाकरे एमवीए का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं, राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज ठाकरे भी चाहते हैं कि कांग्रेस, जो एमवीए की एक घटक है, को साथ लेकर चला जाना चाहिए। यही उनका रुख है।”
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस पर कोई फैसला हो चुका है।” राउत ने कहा कि उन्होंने “कुछ मुद्दों” पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी से भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात करेंगे। हालांकि, राज्य कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने मनसे के साथ हाथ मिलाने के किसी भी कदम का विरोध किया है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले।
\राउत ने कहा, ‘‘राज्य की राजनीति में हर किसी की अपनी जगह है। जिस तरह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की अपनी जगह है, उसी तरह मनसे की भी अपनी जगह है और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) और वामपंथी दलों की भी अपनी जगह है।” राउत ने कहा, ‘‘हमारा रुख यह है कि कांग्रेस को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होना चाहिए। यहां तक कि राज ठाकरे की भी यही राय है।” उनका इशारा राज, उद्धव और पवार सहित विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल की ओर था, जो मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने वाला है।
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हालांकि, मनसे नेता देशपांडे ने कहा कि निर्वाचन आयोग से मिलने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का एमवीए से कोई संबंध नहीं है। शिवसेना (उबाठा) और मनसे ने अभी तक नगर निकाय चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके नेताओं ने पुष्टि की है कि इसकी योजना है।