यूबीटी-मनसे गठबंधन पर कांग्रेस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी और मनसे की गठबंधन की चर्चा जोरो पर है। इस गठबंधन की चर्चा के बीच महाविकास अघाड़ी में इसका क्या असर पड़ेगा? ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इस गठबंधन को लेकर अब कांग्रेस के नेताओं ने अपना रूख साफ कर दिया है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को कहा कि अगर शिवसेना यूबीटी और मनसे के बीच राज्य के हित में और ‘सांप्रदायिक’ भाजपा को दूर रखने के लिए गठबंधन होता है, तो वह इसका स्वागत करेगी।
दोनों चचेरे भाइयों- शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे बीच संभावित सुलह की अटकलों के बीच कांग्रेस ने यह बयान दिया है। दोनों नेताओं के बयानों से संकेत मिले हैं कि वे एक दूसरे से हाथ मिला सकते हैं।
कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, “शिवसेना यूबीटी और मनसे दोनों की ओर से यह बात सामने आई है कि वे महाराष्ट्र के हितों की रक्षा करने और सांप्रदायिक भाजपा को दूर रखने के लिए हाथ मिलाएंगे। अगर दोनों पार्टियां इसके लिए एक साथ आ रही हैं, तो हम इस कदम का स्वागत करेंगे।”
राज ठाकरे ने पहले कहा था कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है, जबकि उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को रोका जाए।
अतुल लोंढे ने कहा, “जो लोग सत्ता में हैं और संवैधानिक पदों पर आसीन हैं, वे जाति और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे आदर्शों छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा को रोज कुचला जा रहा है। अगर वे (शिवसेना यूबीटी और मनसे) इस विचारधारा की रक्षा के लिए एक साथ आते हैं, तो कांग्रेस इसका स्वागत करेगी।”
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कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “हमारी चर्चा उद्धव ठाकरे जी से होगी, जो हमारे गठबंधन के नेता हैं। जल्द ही बातचीत होगी और कुछ दिनों के भीतर कांग्रेस के नेता स्थानीय इकाई चुनावों की रणनीति तय करने के लिए उनसे मिलेंगे। अब, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कौन आता है, कौन उनकी पार्टी में शामिल होता है, या कौन से छोटे सहयोगी उनके साथ आते हैं – यह उन पर निर्भर करेगा। हालांकि, हमारे मूल सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं होगा।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)