मुंबई लोकल ट्रेन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai Local Train With Closed Doors News: मुंबईकरों को लोकल ट्रेन की यात्रा और सुरक्षित बनाने का प्रयास शुरू हो गया है। रेलवे ने घोषणा की है कि इस साल दिसंबर तक मुंबई को पहली बार बंद दरवाजों वाली नॉन-एसी लोकल मिलने जा रही है। यह प्रयोग सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। क्योंकि हर साल ट्रेन से गिरने की घटनाओं में बड़ी संख्या में यात्रियों की जान जाती है
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया कि आगे चलकर समय के हिसाब से मुंबई की सभी लोकल ट्रेनें धीरे-धीरे बंद दरवाजों वाली होंगी। इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है।
रेलवे | डेली सर्विसेज | ट्रेन | ट्रेन रूट | एसी ट्रेन |
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सेंट्रल रेलवे | 1,810 | 168 | 140 | 7 |
वेस्टर्न रेलवे | 1,406 | 112 | 96 | 8 |
मुंबई में लोकल सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे पर रोज लाखों यात्री सफर करते हैं। वर्तमान में सेंट्रल रेलवे रोजाना 1,810 सेवाएं संचालित करती है, जिसमें 168 रेक हैं, जिनमें से 140 रेक हर दिन उपयोग में आते हैं।
इसमें सिर्फ 7 एसी रेक शामिल हैं। वहीं, वेस्टर्न रेलवे पर 1,406 सेवाएं चलती है, जिसके पास 112 रेक हैं और 96 रेक रोजाना पटरी पर उतरते हैं। वेस्टर्न रेलवे के पास फिलहाल 8 एसी रेक है। स्पष्ट है कि फिलहाल एसी रेक की संख्या बेहद कम है और यात्रियों का दबाव नॉन-एसी लोकलों पर ही ज्यादा है। ऐसे में बंद दरवाजों वाली नॉन-एसी लोकल का लॉन्च सीधा असर सुरक्षा पर डालेगा।
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फिलहाल मुंबई लोकल की अधिकांश सेवाएं 12-कोच रेक पर चलती हैं कुछ सेवाएं ही 15-कोच रेक से संचालित होती हैं। नए टेंडर में बड़ी संख्या में 15-कोच सेवाओं को शामिल किया गया है, जबकि भविष्य में 18-कोच रेक भी शामिल करने का प्रावधान है। इससे यात्रियों को ज्यादा जगह मिलेगी और पिक ऑवर में होने वाली भीड़ कुछ कम हो सकेगी।
मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) ने हाल ही में 2,856 ‘वंदे मेट्रो’ (सबअर्बन) कोच खरीदने के लिए ई-टेंडर जारी किया है। इन कोचों का रखरखाव भी दीर्घकालिक अनुबंध के तहत होगा। ये कोच मेट्रो जैसी सुविधाओं वाले होंगे।
बंद दरवाजे, बेहतर वेंटिलेशन, आरामदायक सीटिंग और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नई तकनीक। कुछ महीनों पहले मेट्रो के एक इवेंट में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्पष्ट किया है कि रेलवे मंत्री से इन एसी लोकलों के किराए में वृद्धि न करने का अनुरोध किया गया है ताकि आम यात्रियों पर बोझ न पड़े।
हालांकि यात्री संगठनों का मानना है कि बंद दरवाजों वाली लोकल लागू करना आसान नहीं होगा। बिना एसी वाली ट्रेन में बंद दरवाजे के कारण वेंटिलेशन और गर्मी का मुद्दा बड़ा हो सकता है। इसीलिए रेलवे फिलहाल रेट्रोफिट मॉडल से शुरुआत कर रहा है ताकि यात्रियों के अनुभव को परखा जा सके।