नीलम गोर्हे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: विपक्षी विधायकों के साथ मिल कर महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। शिवसेना यूबीटी विधायक अनिल परब ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 11 विधान पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस सदन के सचिव जितेन्द्र भोले को सौंपा गया तथा इसकी एक प्रति विधान परिषद के सभापति राम शिंदे को भी भेजी गई है।
इस नोटिस में कहा गया है कि शिवसेना (शिंदे गुट) की सदस्य व उपसभापति नीलम गोर्हे ने सदन का विश्वास खो दिया है। पिछले महीने, गोर्हे ने एक मराठी साहित्यिक सम्मेलन में दावा किया था कि जब अविभाजित शिवसेना का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे थे, उस समय पार्टी में पद के लिए मर्सिडीज कारें उपहार में दी जाती थीं।
शिवसेना ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधानसभा परिसर मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीलम गोर्हे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद हम इसी सत्र में चर्चा की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नियमों और कानूनों का उल्लंघन करता है तो भी उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। दलबदल भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसलिए हमें यह प्रस्ताव पहले ही लाना चाहिए था।
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इस पर शिवसेना (यूबीटी) की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी थी। एमएलसी के तौर पर अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रही गोर्हे को एक समय ठाकरे का विश्वासपात्र माना जाता था। शिवसेना में 2022 में विभाजन के बाद उन्होंने शुरुआत में ठाकरे का साथ दिया लेकिन बाद में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गई। तब से शिवसेना (यूबीटी) नेताओं और गोर्हे के बीच संबंधों में कटुता आ गई है।
जून 2022 में शिवसेना में उठे विद्रोह के बाद शिवसेना के विभाजन के कुछ समय बाद नीलम गोर्हे एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गई थी। इस बीच, दानवे ने यह भी पूछा कि क्या साहित्यिक सम्मेलनों का इस्तेमाल राजनीतिक आरोप लगाने के लिए इस तरह से करना उचित है।