अंबेडकर रिपब्लिकन मोर्चा के अध्यक्ष नारायण बागड़े (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा आरक्षण पर जारी बहस के बीच अब अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लिए आरक्षण को लेकर आवाज बुलंद हो रही है। अंबेडकर रिपब्लिकन मोर्चा के अध्यक्ष नारायण बागड़े ने आरोप लगाया है कि एससी और एसटी वर्ग को संविधान में मिले अधिकारों को लागू करने में अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है।
बागड़े ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने वंचित और पीड़ित समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण व्यवस्था दी थी। लेकिन आज भी इस व्यवस्था को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा। कई सरकारी और अर्ध-सरकारी दफ्तरों में आरक्षित पद खाली पड़े हैं, जबकि बैकलॉग की भर्ती सालों से अधर में लटकी है।
उन्होंने बताया कि समाज के लिए तय निधि का उपयोग अक्सर अन्य कार्यों में कर दिया जाता है, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पाता। रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बनाए गए महात्मा फुले, अण्णाभाऊ साठे, संत रोहिदास महामंडल और आदिवासी विकास महामंडल जैसी संस्थाएं कुप्रबंधन और अव्यवस्था का शिकार हैं। इसका सीधा नुकसान बेरोजगार युवाओं को उठाना पड़ रहा है।
बागड़े ने यह भी आरोप लगाया कि पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलती। कई छात्र उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण यह समाज लगातार ठगा जा रहा है, जबकि इनकी उम्मीदें अब भी सरकार से ही जुड़ी हैं।
अंबेडकर रिपब्लिकन मोर्चा ने मांग की है कि सरकार तुरंत सख्त कदम उठाकर आरक्षण व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करे। सभी विभागों में खाली आरक्षित पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए और बैकलॉग को दूर किया जाए। साथ ही, समाज के लिए बनी वित्तीय और विकास संस्थाओं में सुधार लाकर उनकी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। बागड़े ने साफ कहा कि यदि सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि दलित और आदिवासी समाज अब अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेगा।