
रोहित आर्या (सोर्स: सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Maharashtra Government On Rohit Arya: मुंबई में रोहित आर्या नामक शख्स ने बच्चों को बंधक बनाकर महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया। हालांकि पुलिस की सतर्कता के चलते बच्चों को बचा लिया गया। वहीं आरोपी रोहित पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। अब इस मामला में सरकार ने बड़ा खुलासा किया है।
शिक्षा विभाग के उपसचिव विपुल महाजन द्वारा एक प्रेस नोट जारी किया गया है। इस बयान का उद्देश्य पूर्व मंत्री दीपक केसकर के उन दावों का खंडन करना था, जिन्होंने पहले आर्या के प्रोजेक्ट को सरकारी योजना से जोड़ा था।
महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि रोहित आर्या की संस्था का शिक्षा विभाग से न तो कोई आधिकारिक संबंध था और न ही उन्हें कोई मंजूरी मिली थी।
हालांकि, प्रेस नोट में पिछली गतिविधियों का भी जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि रोहित आर्या की संस्था ने 27 सितंबर 2021 को ‘स्वच्छता मॉनिटर’ प्रोजेक्ट कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत शुरू किया था। यह उपक्रम शासन की मान्यता के तहत था। इसके बाद, 30 जून 2022 को इस परियोजना के लिए 9 लाख रुपए की मंजूरी दी गई थी। लेकिन, 2023-24 में स्थिति बदल गई।
शिक्षा विभाग ने बताया कि ‘माझी शाला सुंदर शाला’ योजना के तहत प्रस्तावित ‘स्वच्छता मॉनिटर 2.0’ के लिए 2 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था, लेकिन इसकी कोई स्वीकृति नहीं मिली। इसके बावजूद, आर्या ने यह गतिविधि निजी स्तर पर (private level) चलाई और कुछ स्कूलों को इस उपक्रम से जोड़ा।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि 2024-25 के लिए प्रस्तावित ‘स्वच्छता मॉनिटर’ प्रोजेक्ट के लिए 6.14 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, लेकिन इसकी भी कोई मंजूरी नहीं दी गई। वेबसाइट swachhtamonitor.in भी पूरी तरह से एक निजी संस्था द्वारा संचालित थी।
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विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि चूंकि यह उपक्रम निजी तौर पर चलाया जा रहा था और इसका विभाग से कोई आधिकारिक संबंध नहीं था, इसलिए प्रोजेक्ट से जुड़ी किसी भी वित्तीय या प्रशासनिक गड़बड़ी की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है। विभाग ने यह भी कहा कि रोहित आर्या की मौत या घटना से शिक्षा विभाग की कोई संबद्धता नहीं है।






