
चंद्रपुर जिले के रामपुर में स्थित मीट की दुकानें (फोटो नवभारत)
Illegal Meat Sale Protest Chandrapur: चंद्रपुर जिले की राजुरा तहसील अंतर्गत मौजा रामपुर में अवैध मांस बिक्री को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। भवानी मंदिर जाने वाले मुख्य मार्ग पर खुलेआम चल रहे अवैध मुर्गी मांस व्यवसाय और उससे फैलने वाली गंदगी के विरोध में महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। सरपंच निकिता झाड़े के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने पुलिस थाने पहुँचकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि भवानी मंदिर जाने वाले पवित्र मार्ग और पेट्रोल पंप के समीप अवैध रूप से मुर्गी मांस बेचा जा रहा है। पेट्रोल पंप चालक पांडुरंग चिल्लावार पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जगह मांस विक्रेताओं को किराए पर दे रखी है। मांस काटने के बाद निकलने वाले अवशेषों को सड़क किनारे ही फेंक दिया जाता है, जिससे पूरे इलाके में असहनीय दुर्गंध फैल रही है। इससे न केवल श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि इलाके में संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
सड़क पर फेंके जाने वाले मांस के कचरे के कारण इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या और आक्रामकता बढ़ गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक तीन स्कूली बच्चों और कई पालतू पशुओं को कुत्ते काट चुके हैं। इसके अलावा, सास्ती टी-प्वाइंट और राजुरा-गडचांदूर महामार्ग पर लगने वाली भीड़ के कारण यातायात बाधित हो रहा है, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
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रामपुर ग्राम पंचायत ने पहले भी इन दुकानों को बंद कराया था, लेकिन कुछ महीनों बाद यह कारोबार फिर शुरू कर दिया गया। बार-बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज महिलाओं ने 17 दिसंबर की रात पेट्रोल पंप पर ‘हल्लाबोल’ किया। अगले दिन जब जगह के मालिक से संपर्क नहीं हो पाया, तो आक्रोशित महिलाओं ने पेट्रोल पंप का कामकाज बंद करवा दिया।
इस आंदोलन में सरपंच निकिता झाड़े, उपसरपंच राहुल बाणकर, सदस्य अतुल खणके सहित बड़ी संख्या में महिला सदस्य और ग्रामीण शामिल हुए। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा और धार्मिक मार्ग की पवित्रता बनाए रखने के लिए तुरंत कड़े कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप धारण करेगा।






