
प्रभादेवी रेलवे स्टेशन का फूटओवर ब्रिज (फोटो नवभारत)
Mumbai Elphinstone Bridge News: मुंबई में एलफिंस्टन पुल के दोनों तरफ उसे गिराने का काम तेजी से चल रहा है। इस पुल के ध्वस्त होने के कारण जहां स्थानीय व्यापार प्रभावित हुआ है, वहीं परेल और प्रभादेवी की तरफ रहने वाले स्थानीय नागरिकों को पश्चिम से पूर्व और पूर्व से पश्चिम की ओर पैदल आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बीजेपी ओबीसी मोर्चा दक्षिण मुंबई जिला अध्यक्ष जितेंद्र कनौजिया ने कहा कि एलफिंस्टन पुल के पूरी तरह ध्वस्त होने से यातायात के साथ रेल यात्रियों को भी कठिनाई हो रही है। परेल स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को ऑफिस पहुंचने के लिए करीब एक किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है। इससे आस-पास रहने वाले लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ा है।
स्थानीय नागरिकों ने शिकायत की है कि केईएम, वाडिया, और टाटा जैसे अस्पताल जाने के लिए एलफिंस्टन पुल ही एकमात्र रास्ता था। इस पुल को तोड़ने से पहले पैदल चलने वालों के लिए कोई वैकल्पिक पुल नहीं बनाया गया।
फिलहाल, जब स्थानीय लोग आवागमन के लिए रेलवे के फूटओवर पुलों का उपयोग करते हैं, तो रेलवे टीसी उन्हें पकड़ते हैं और जुर्माना भरवाते हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि उनके लिए रेलवे के फूटओवर पुल को आने-जाने के लिए दंडमुक्त किया जाना चाहिए।
प्रभादेवी रेलवे स्टेशन और परेल स्टेशन पर प्रतिदिन करीब 10 लाख यात्री आते हैं, जिसके कारण सुबह-शाम यहां भारी भीड़ रहती है। रेलवे अधिकारियों ने पहले चिंता व्यक्त की थी कि अगर पुल को स्थानीय नागरिकों के लिए दंडमुक्त कर दिया जाता है, तो बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, प्रभादेवी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर विजय दलवी ने बताया कि प्रभादेवी रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर पर पश्चिम और पूर्व को जोड़ने वाला नया फूटओवर पुल और बीच का पुराना फूटओवर पुल, नो टिकट जोन बना दिया गया है। इन दोनों पुलों से कोई भी व्यक्ति पश्चिम से पूर्व या पूर्व से पश्चिम की तरफ आ जा सकता है।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन दोनों पुलों पर टीसी केवल प्लेटफॉर्म से आने वाले यात्रियों के टिकट की जांच करेंगे। शिवड़ी विधायक अजय चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रेलवे ने दो पदचारी ब्रिजों से आवागमन की छूट दी है और इसकी सूचना भी लगा दी गई है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उपाध्यक्ष मुनाफ ठाकुर ने कहा कि पुल गिराए जाने से इस क्षेत्र का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक बीमार पड़ रहे हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ता है।
मुनाफ ठाकुर ने मांग की कि स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी रेलवे पदचारी ब्रिजों को ‘नो टिकट जोन’ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि स्थानीय लोगों के हितों का ख्याल नहीं रखा गया तो आंदोलन किया जाएगा।






