
मुंबई मरीन ड्राइव (pic credit; social media)
Mumbai AQI 288: मानसून गया और मुंबई की हवा ने करवट ले ली। शहर की आबोहवा अब सांस लेने लायक नहीं बची है। मुंबई का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से गिरकर ‘मध्यम’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। रविवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डैशबोर्ड के अनुसार शहर का समग्र एक्यूआई 156 दर्ज किया गया, जबकि देवनार क्षेत्र में यह 288 तक पहुंच गया। यानी हवा में जहर घुल चुका है।
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि अभी दिवाली दूर है, लेकिन प्रदूषण का असर पहले ही दिखने लगा है। 10 अक्टूबर को मानसून की विदाई के बाद से शहर का एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। 1 से 9 अक्टूबर के बीच एक्यूआई 100 से नीचे था, लेकिन 10 तारीख के बाद से यह सीधा 150 के पार पहुंच गया।
सीपीसीबी के अनुसार, मुंबई के 24 निगरानी केंद्रों में से 21 में ‘मध्यम’ श्रेणी, दो में ‘संतोषजनक’ और एक में ‘खराब’ दर्ज किया गया। देवनार, बीकेसी, मलाड, कांदिवली, अंधेरी और मानखुर्द जैसे इलाकों में हवा सबसे ज़्यादा दूषित पाई गई।
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राष्ट्रीय उन्नत विज्ञान संस्थान (NIAS) के चेयर प्रोफेसर डॉ. गुफरान बेग ने कहा कि 2021 में भी ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिला था। उन्होंने चेताया कि अक्टूबर के अंत तक हवा की गति धीमी हो जाएगी और नवंबर में प्रदूषण और बढ़ेगा।
बॉम्बे एनवायरनमेंट एक्शन ग्रुप के वैज्ञानिक डॉ. तुहिन बनर्जी का कहना है कि सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि मानव निर्मित कारण भी जिम्मेदार हैं। शहर में करीब 6,500 निर्माण स्थल हैं, लेकिन बहुत कम जगहों पर एयर क्वालिटी सेंसर लगाए गए हैं। बीएमसी ने अब आदेश दिया है कि सभी साइटों पर सेंसर लगाना अनिवार्य होगा, वरना बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो दिवाली और सर्दी के दौरान मुंबई की हवा ‘खराब’ से ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है। अभी तो आसमान नीला दिख रहा है, लेकिन हवा में घुलता धुआं आने वाले दिनों में सांस लेना मुश्किल कर सकता है।






