
दिल्ली के बाद मुंबई में भी घुटने लगा दम
Mumbai News: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने मुंबई की खराब होती हवा को लेकर बीएमसी कमिश्नर को एक पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मुंबई की वायु गुणवत्ता अब ‘मौसमी समस्या’ नहीं, बल्कि एक ‘जन-स्वास्थ्य आपातकाल’ बन चुकी है। ऐसे में शहर को तुरंत सख्त और असाधारण कदमों की जरूरत है।
देवड़ा ने अपने पत्र में कहा कि मुंबई की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और निर्माण कार्य, सड़क खोदाई, मलबा ढुलाई तथा सड़क किनारे जमा धूल इस संकट को और बढ़ा रही है। उन्होंने दावा किया कि शहर भर में प्रदूषण बढ़ रहा है और प्रशासनिक सख्ती नाकाफी साबित हो रही है।
देवड़ा ने अपने पत्र में हाल के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा, “22 नवंबर को मुंबई का एक्यूआई 298 पर पहुंच गया। 23 नवंबर को एक्यूआई 255 दर्ज किया गया। बीएमसी की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट 2024-25 के मुताबिक शहर में वार्षिक पीएम स्तर 10 और पीएम स्तर 2.5 के बीच है। चेंबूर सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल है। इस वर्ष का सबसे प्रदूषित महीना अक्टूबर रहा।
देवड़ा ने कहा कि बीएमसी द्वारा 2024 में बनाए गए नियम जैसे निर्माण स्थल की बैरिकेडिंग, ग्रीन नेट, पानी का छिड़काव, डस्ट एक्सट्रैक्शन सिस्टम और एक्यूआई मॉनिटरिंग जमीन पर सही तरीके से लागू नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि मजगांव जैसे इलाकों में एक्यूआई 300 के पार जा चुका है। इसके लिए उन्होंने बीएमसी से तुरंत कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि शहर में सभी निर्माण, सड़क खोदाई और खुदाई कार्यों पर अस्थायी रोक लगाई जाए, जब तक कि एक्यूआई सुरक्षित स्तर पर नहीं लौट आता।
उन्होंने सभी निर्माण स्थलों की दैनिक सख्त जांच और नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है। इसके अलावा, मलबा, सीमेंट और निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रकों की आवश्यक धुलाई और उनके लिए अनिवार्य वॉशिंग बे की भी मांग की है। शहरभर में निरंतर धूल दमन, फॉगिंग, पानी का छिड़काव और मैकेनिकल स्वीपिंग, निर्माण और औद्योगिक इलाकों में रियल टाइम एक्यूआई मॉनिटरिंग, बार-बार नियम तोड़ने वालों पर जीरो टॉलरेंस, भारी जुर्माना और भविष्य के परमिट रोकने की सख्त कार्रवाई की भी अपील की है।
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देवड़ा ने चेतावनी दी कि लगातार बढ़ते पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर से बच्चों, बुजुर्गों और लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि हवा साफ करने के लिए मुंबई को सिर्फ मौसमी नहीं, बल्कि सालभर चलने वाली रणनीति की जरूरत है। -एजेंसी इनपुट के साथ






