राज ठाकरे (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की। यह भेंट राज्य में हिंदी भाषा की अनिवार्यता के मुद्दे पर हुई। इस मुलाकात के बाद राज ने कहा कि उन्होंने सरकार की भूमिका को सिरे से खारिज कर दिया है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में राज ने घोषणा की कि वे 6 जुलाई को मुंबई में एक मोर्चा निकालेंगे, जो गिरगांव से आजाद मैदान तक जाएगा।
राज ठाकरे ने बताया कि आज महाराष्ट्र राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे मुझसे मिलने आए। उन्होंने अपनी भूमिका समझाने की कोशिश की, लेकिन मैंने उनकी पूरी भूमिका को खारिज कर दिया और साफ कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं है। चर्चा के बारे में आगे बात करते उन्होंने यह भी माना कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऐसी किसी चीज का उल्लेख नहीं है और यह पूरा निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ा गया है। जब यह राज्य के अधिकार में है, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह बात अब भी समझ से परे है।
मैंने उन्हें यह भी बताया कि जो नई सीबीएसई स्कूलें खुल रही हैं, वे मुख्य रूप से आईएएस अधिकारियों के बच्चों के लिए शुरू की गई थीं। अब इन स्कूलों को राज्य की स्कूलों पर हावी करने की कोशिश की जा रही है। यह केंद्र सरकार और नौकरशाही का एक एजेंडा है। महाराष्ट्र ऐसा क्यों कर रहा है और किसलिए कर रहा है, जबकि बाकी राज्य ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे? इस पर उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था और वे वही बातें बार-बार दोहरा रहे थे।
इस पूरे विषय का हम पूरी तरह विरोध करते हैं, करते आए हैं और करते रहेंगे। हिंदी या किसी भी अन्य भाषा को महाराष्ट्र में थोपा नहीं जाने देंगे – बिल्कुल नहीं। इसीलिए हमने निर्णय लिया है कि 6 जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक मोर्चा निकाला जाएगा। मैं सभी राजनीतिक दलों से इस आंदोलन में साथ आने की अपील करता हूं। इस मोर्चे में किसी भी पार्टी का झंडा नहीं होगा। यह मोर्चा सिर्फ मराठी लोगों का होगा और इसका नेतृत्व भी मराठी व्यक्ति ही करेगा।
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हम शिक्षाविदों, भाषा विशेषज्ञों, साहित्यकारों और सभी संबंधित पक्षों से संवाद करेंगे। उन्हें एक पत्र भेजा जाएगा और सभी पालकों व छात्रों को निमंत्रण दिया जाएगा। सरकार को यह समझ में आना चाहिए कि महाराष्ट्र के लोगों के मन में क्या चल रहा है। राज ने यह भी स्पष्ट किया कि रविवार का दिन इसलिए चुना गया है ताकि विद्यार्थी और पालक भी बड़ी संख्या में शामिल हो सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि वे अन्य राजनीतिक दलों से भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।