चंद्रशेखर बावनकुले व रवींद्र चव्हाण (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrashekhar Bawankule Reaction: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के भीतर तनाव चरम पर है। BJP प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के ‘2 तारीख तक’ गठबंधन बनाए रखने वाले बयान ने सहयोगी दलों के बीच आलोचना और बहस को हवा दी है। नगर निकाय चुनावों को लेकर दोनों दलों के बड़े नेता एक-दूसरे से नाराज दिख रहे हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने 2 तारीख तक गठबंधन बनाए रखने की बात कहकर यह संकेत दिया था कि महायुति में कोई दिक्कत है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद उन्होंने कोई सफाई नहीं दी, लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने कहा कि उनके बयान को मतलब वह नहीं था।
ऐसा देखा जा रहा है कि नगर पंचायत और नगर परिषद चुनावों में दोनों पार्टियों के बड़े नेता एक-दूसरे से नाखुश हैं। चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन के सहयोगी दल जगह-जगह एक-दूसरे की कमियां निकालते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मंत्री और नेता भी बीजेपी पर आलोचना के तीर चला रहे हैं। इस वजह से यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या रवींद्र चव्हाण का यह बयान बीजेपी की तरफ से सहयोगी दलों को दी गई कोई चेतावनी नहीं थी।
नगर परिषद चुनावों के बीच डोंबिवली में चल रही फूट की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। 3 नवंबर को एक बड़ा घटनाक्रम तब हुआ, जब शिवसेना शिंदे ग्रुप के पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में BJP में शामिल हो गए। जहां ठाणे जिले में इस फूट (दलबदल) को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाखुश होने की बात कही जा रही है, वहीं शिंदे के करीबियों को ही बीजेपी में लेने से महागठबंधन में तनाव बढ़ने की संभावना है।
राजस्व मंत्री और बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने इन सभी मामलों पर मीडिया से बात करते हुए डिटेल में जवाब दिया। बावनकुले ने रवींद्र चव्हाण के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि यह मामला लोकल चुनाव का है। उन्होंने बताया कि चव्हाण ने कहा था कि लोकल हालात कैसे होंगे, इस बारे में 2 तारीख को फैसला लिया जाएगा। बावनकुले ने यह भी कहा कि चव्हाण के संदर्भ पर विचार किए बिना कन्फ्यूजन फैलाया जा रहा है।
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बावनकुले ने चुनावी प्रक्रियाओं पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चुनाव का गड़बड़झाला राज्य चुनाव आयोग के साथ चल रहा है और इसके लिए आयोग को चार चिट्ठियां भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने चुनाव टालने को एक गलती बताया। इसके अलावा, उन्होंने कामठी में फर्जी वोटिंग के आरोपों पर कहा कि यह हक सभी को है और अगर कोई गड़बड़ी हुई है, तो कोर्ट इस पर फैसला करेगा।