
महाराष्ट्र का डिजिटल कायाकल्प (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra digital transformation: महाराष्ट्र में अब सरकारी योजनाओं की लेटलतीफी और फाइलों का अटकना बीते दौर की बात होने वाली है। राज्य सरकार तकनीक के सहारे एक ऐसा स्मार्ट और पारदर्शी प्रशासनिक ढांचा खड़ा कर रही है, जहां जनता की शिकायतों का निपटारा और परियोजनाओं की मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से होगी। राज्य में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार तकनीक को अपना मुख्य हथियार बना रही है।
विधान परिषद में बोलते हुए मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने विश्वास जताया कि तकनीक के माध्यम से नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला एक प्रगत और विकसित महाराष्ट्र तैयार किया जाएगा। प्रशासनिक मशीनरी को अधिक सक्षम बनाने से संबंधित विधान परिषद सदस्य श्रीकांत भारतीय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर देते हुए मंत्री शेलार ने कहा कि राज्य में नागरिक-केंद्रित सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए विकसित महाराष्ट्र की नींव रखी जा रही है। हमारा लक्ष्य तकनीक आधारित ऐसा शासन देना है, जो उत्तरदायी हो और जिसमें आम आदमी की आवाज सर्वोपरि हो।” मंत्री शेलार ने बताया कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिसिस, जियो-टैगिंग और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से फंड और शिकायतों की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। ई-गवर्नेंस, पारदर्शी तबादला नीति और डिजिटल सुधारों से प्रशासन में गतिशीलता आई है।
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