
सायबर सिक्योरिटी अलर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
 
    
 
    
Maharashtra Cyber Police Warning: महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने नागरिकों को तेजी से फैल रहे दो साइबर धोखाधड़ी ‘कॉल मर्जिंग स्कैम’ और ‘सिम स्वैप फ्रॉड’ धोखाधड़ी के बारे में, दो अलग-अलग एडवाइजरी जारी कर सावधान रहने की अपील की है।
दोनों ही धोखाधड़ी सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके ओटीपी को इंटरसेप्ट करती हैं। फ़ोन नंबर चुराती हैं और पीड़ितों के बैंक खाते खाली कर देती हैं। नागरिकों से सतर्क रहने, सभी वित्तीय संचारों की पुष्टि करने और साइबर पुलिस को तुरंत घटना की सूचना देने का आग्रह किया गया है।
पुलिस के अनुसार, दोनों स्कैम में सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल होता है। ठग डर, लालच या जल्दबाजी दिखाकर जानकारी निकालते हैं। पिछले कुछ महीनों में ऐसे हजारों केस सामने आए हैं, जिसमें लाखों रुपये की ठगी हुई है।
इस स्कैम में फ्रॉडस्टर खुद को बैंक या सर्विस प्रोवाइडर का अधिकारी बताकर कॉल करते हैं। वे पीड़ित को डराते हैं कि उनका अकाउंट हैक हो गया है या कोई ट्रांजेक्शन हो रहा है। फिर वे एक कॉन्फ्रेंस कॉल सेटअप करते हैं, जिसमें असली बैंक की लाइन को मर्ज कर देते हैं। पीड़ित को लगता है कि वह बैंक से बात कर रहा है, लेकिन ठग बीच में ओटीपी इंटरसेप्ट कर लेते हैं और पैसे उड़ा लेते हैं।
बैंक कभी भी फोन पर OTP या PIN नहीं मांगते। कॉल मर्ज करने का कोई भी अनुरोध धोखाधड़ी का खतरा है। साइबर अपराधी भरोसे और तकनीक का दुरुपयोग करते है। जागरुकता ही रक्षा की पहली पक्ति है। सूचित रहे, सतर्क रहे और दूसरों को सुरक्षित रहने में मदद करें। – संजय शिंत्र, DIG, साइबर सेल, महाराष्ट्र
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नंबर चुराकर बनाते हैं सिम डुप्लिकेट यहां ठग आपके पर्सनल डिटेल्स (जैसे आधार, पता) चुराकर टेलीकॉम कंपनी को कॉल करते हैं, और नई सिम जारी करवाते हैं। आपकी पुरानी सिम बंद हो जाती है, नई सिम ठग के पास आती है। इससे बैंक ओटीपी उनके फोन पर आते हैं और वे आपके अकाउंट्स खाली कर देते हैं। कई मामलों में ठग फेक आईडी से सिम लेते हैं। अपराधी नकली दस्तावेजों का उपयोग करके डुप्लीकेट सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता का रूप धारण करते हैं। एक बार सक्रिय होने के बाद, पीड़ित का असली सिम काम करना बंद कर देता है और धोखेबाज को सभी ओटीपी और एसएमएस अलर्ट मिलने लगते हैं।






