केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (pic credit; social media)
Madh-Versova Bridge Project: लंबे इंतजार के बाद मढ-वर्सोवा पुल परियोजना को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के साथ ही इस 2400 करोड़ रुपये की ‘ड्रीम ब्रिज’ परियोजना पर काम तेज़ी से शुरू होने जा रहा है। मुंबईवासियों के लिए यह तोहफ़ा किसी राहत की सांस से कम नहीं होगा क्योंकि मढ़ से वर्सोवा पहुंचने में जहां आज 90 मिनट लगते हैं, वहीं ब्रिज बन जाने के बाद यह दूरी महज़ 5 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
यह 2.06 किमी लंबा केबल-आधारित प्रीमियम पुल मढ़ द्वीप को सीधे वर्सोवा से जोड़ेगा। परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है और अब बॉम्बे हाईकोर्ट की अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सरकार के अधिकारियों को काम निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “मढ़-वर्सोवा पुल मुंबई की रफ्तार बढ़ाएगा, इसे उत्तम शहरों की सूची में खड़ा करेगा।”
पुल बनने से नागरिकों, मछुआरों और पर्यटकों सभी को बड़ा फायदा होगा। यात्रा का समय 90 मिनट से घटकर सिर्फ 5 मिनट हो जाएगा और दूरी 22 किमी से घटकर मात्र 1.5 किमी रह जाएगी। इससे ईंधन की बचत होगी, ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और सीओ₂ उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी।
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मढ़ किला और आसपास के समुद्र तटों तक पहुंच आसान होगी। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। यह पुल वर्सोवा-भाईंदर कोस्टल रोड से जुड़कर मुंबई के पश्चिमी हिस्से में नया ‘मोबिलिटी कॉरिडोर’ तैयार करेगा। मानसून के दौरान बंद रहने वाली फेरी सेवा की जगह अब यह पुल यात्रियों को 24×7 वैकल्पिक रास्ता देगा।
सरकार का दावा है कि यह ब्रिज आधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक बनेगा और मुंबई के ट्रैफिक सिस्टम को नई दिशा देगा। मढ़-वर्सोवा ब्रिज के साथ-साथ दहिसर-भाईंदर कोस्टल रोड, ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी परियोजनाएं मिलकर “वन आवर सिटी” का सपना साकार करेंगी, जहां शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में सिर्फ एक घंटा लगेगा।