
जैन मुनि महाराज निलेश चंद्र (सौजन्य-IANS)
Jain Community Protest: जैन मुनि महाराज निलेश चंद्र ने मुंबई में कबूतरखाना बंद किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेने और फैसले पर विचार-विमर्श करने की अपील की।
जैन समाज की नाराजगी को लेकर जैन मुनि महाराज निलेश चंद्र ने कहा, “पिछले चार महीने से जैन समाज कबूतरों और अन्य प्राणियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। मेनका गांधी ने भी इसे अन्याय बताया था। समाज ने प्रशासन को 15 दिन का समय दिया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कबूतर, कुत्ते और गाय समेत तमाम जीवों पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने के लिए जैन समाज उतरा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विचार और चिंतन करें। इसके ऊपर उचित निर्णय लें। ऐसा न हो कि जैन समाज का आपके ऊपर से विश्वास ही उठ जाए।”
बता दें कि मुंबई में कबूतरखाना बंद किए जाने का विरोध कई महीनों से जारी है। जैन मुनि महाराज निलेश चंद्र बीएमसी के खिलाफ अनशन कर चुके हैं।
बीएमसी ने जुलाई में दादर और मुंबई के 51 कबूतरखाने बंद करने का फैसला लिया था। इसके पीछे का कारण कबूतरों की बीट से फैलने वाली श्वसन बीमारियां और आसपास के लोगों में फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बताई गईं। हालांकि, यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट भी गया था और इसके बाद एक कमेटी गठित की गई थी।
यह भी पढ़ें – शिंदे के हाथों विधान परिषद की कमान, नागपुर में आज से ‘सरकार’, उद्धव की एंट्री से गरमाएगा शीत सत्र!
वहीं, जैन मुनि महाराज निलेश चंद्र ने पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखे जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जैन समाज सनातन परंपरा से जुड़ा है। हम सनातनी हैं। हम राम के साथ थे और रहेंगे। हम यहां बाबरी मस्जिद नहीं बनने देंगे। बाबर यहां का नहीं था। बाबर की औलादें जो देश में घूम रही हैं, हम उन्हें यहां पनपने नहीं देंगे।”
उन्होंने कहा, “यह देश छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और गुरु गोविंद सिंह का है। बाबर यहां का नहीं था। वह देश को लूटता रहा। उसका समर्थन करने वाले लोगों को यहां से खदेड़-खदेड़कर भगाएंगे।” निलेश चंद्र ने अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






