ई-कॉमर्स धोखाधड़ी (pic credit; social media)
E-commerce Fraud: मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-8 ने एक अंतर-राज्यीय ई-कॉमर्स ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक छत्तीसगढ़ और तीन हरियाणा के निवासी हैं। गिरोह ने ई-कॉमर्स कंपनियों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया।
यूनिट-8 के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक लक्ष्मीकांत सालुंखे ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। गिरोह डिलीवरी प्रक्रिया में गड़बड़ी कर ठगी करता था। आरोपियों का तरीका यह था कि दो ऑर्डर दिए जाते। एक महंगी वस्तु का और दूसरा सस्ती किसी तीसरे पक्ष के लिए।
डिलीवरी के दौरान महंगी वस्तु के बॉक्स से बारकोड हटाकर सस्ती वस्तु के बॉक्स पर चिपकाया जाता। इसके बाद महंगी वस्तु को बिना स्वीकार किए अपने पास रख लिया जाता और सस्ती वस्तु रिफंड के लिए भेज दी जाती। इस तरीके से गिरोह ने बड़ी ठगी की।
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पुलिस ने अभियुक्तों से 45,09,333 रुपये की संपत्ति बरामद की। इसमें 34,09,333 रुपये मूल्य के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान, 7,00,000 रुपये का टेम्पो और 4,00,000 रुपये कीमत की हुंडई क्रेटा कार शामिल है। गिरोह ने इसी तरह से कई लोगों और कंपनियों को लाखों का नुकसान पहुंचाया।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरोह के सदस्य लंबे समय से इस योजना को अंजाम दे रहे थे। यह मामला यह साबित करता है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ठगी और साजिश में सावधानी की जरूरत है।
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और अन्य सहयोगियों की पहचान की जा रही है। इस कार्रवाई से मुंबई में ई-कॉमर्स ठगी पर कड़ा संदेश गया है कि कोई भी धोखाधड़ी बख्शी नहीं जाएगी।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने इस कार्रवाई को सराहा। उन्होंने कहा कि ऐसी ठगी से न केवल कंपनियों बल्कि ग्राहकों का भी विश्वास टूटता है। पुलिस ने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सतत निगरानी रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।