नागपुर रेलवे स्टेशन पर भिखारी (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Railway Station: देश के व्यस्ततम स्टेशनों में शुमार नागपुर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों भिखारियों की भरमार ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्लेटफॉर्म, वेटिंग एरिया, फुटओवर ब्रिज से लेकर पब्लिक सर्कुलेटिंग एरिया तक हर जगह भीख मांगने वालों का जमावड़ा दिखाई देता है।
स्थिति यह है कि कई बार ये भिखारी यात्रियों से जबरदस्ती पैसे मांगते हैं और मना करने या डांटने पर गालीगलौज और झगड़े पर उतर आते हैं। करीब एक वर्ष पहले प्लेटफॉर्म-7 पर एक सिरफिरे व्यक्ति द्वारा लकड़ी के स्लीपर से 2 व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी। ऐसे में बड़ी संख्या में भिखारियों की मौजूदगी स्टेशन पर यात्रियों के लिए खतरे से कम नहीं।
नागपुर रेलवे स्टेशन भिखारियों के लिए स्वर्ग सरीखा है, यह कहानी नई नहीं है। इसकी संरचना ऐसी है कि यहां चारों दिशाओं से प्रवेश संभव है। मुख्य द्वार, प्लेटफॉर्म एंट्री, फुटओवर ब्रिज और पीछे के रोड एरिया से कोई भी व्यक्ति आसानी से अंदर प्रवेश कर सकता है। यही वजह है कि स्टेशन परिसर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और भिखारियों के लिए आसान ठिकाना बन गया है।
वर्तमान में जारी स्टेशन पुनर्विकास कार्य के कारण अभी भिखारियों का प्रवेश और ज्यादा आसान हो गया है। रेलवे सुरक्षा बल और लोहमार्ग पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भिखारियों का जमावड़ा लगातार बढ़ रहा है। इनमें से कई भिखारी स्टेशन परिसर में ही दिन-रात डेरा डालते हैं और इसे अपना स्थायी रैन बसेरा बना चुके हैं। रात के समय यह क्षेत्र अंधेरे और लापरवाही के कारण अपराधियों के लिए भी आसान शरणस्थल बन जाता है।
यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर कदम रखते ही भिखारियों की भीड़ घेर लेती है। खासकर महिलाओं और वृद्ध यात्रियों का ये लगातार पीछा करते हैं। कई बार तो प्लेटफॉर्म पर बैठकर यात्रियों के खाने-पीने की चीजों तक में हाथ डाल देते हैं। प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही भिखारी एक साथ आ जाते हैं। पैसे देने से मना करने या फटकारने पर यात्री से गालीगलौज से बाज नहीं आते। ऐसे में आम यात्री डर के साए में रहते हैं कि कब कौन झगड़ा कर बैठे या किसी जेबकतरे का निशाना बन जाएं।
पिछले वर्ष एक सिरफिरे ने प्लेटफॉर्म-7 पर सो रहे कुछ व्यक्तियों पर लकड़ी के स्लीपर से उनके सिर पर हमला कर दिया था। एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरे ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था। इस घटना ने यात्रियों और सुरक्षा कर्मचारियों दोनों को हिलाकर रख दिया। पूरे देश में गूंजने वाली इस घटना के बावजूद आज भी स्टेशन पर भिखारियों के प्रति सख्ती नहीं दिखाई देती।
हाल ये हैं कि दिन हो या रात, कई भिखारी स्टेशन के खाली कोनों में शराब पीते हैं या नशे की हालत में यात्रियों से उलझ पड़ते हैं। कई बार सुरक्षा कर्मियों द्वारा भगाए जाने के बाद ये कुछ घंटों में फिर लौट आते हैं।
यह भी पढ़ें – सोना-चांदी की कीमतें हुईं बेकाबू, पुराने रिकॉर्ड हुए ध्वस्त, पिछले 8 दिनों में GST ने बिगाड़ा खेल
स्टेशन के बाहर का पब्लिक सर्कुलेटिंग एरिया भिखारियों का स्थायी ठिकाना बनता जा रहा है। प्लेटफॉर्म-1 की ओर ओपन वेटिंग एरिया, फुटपाथ, अन्य प्लेटफार्मों पर इनकी मौजूदगी आम हो चुकी है। यात्रियों की सुरक्षा पर खतरे के साथ ही यह क्षेत्र अस्वच्छता, दुर्गंध और अव्यवस्था का केंद्र बन चुका है। स्टेशन के पास से गुजरते लोगों का कहना है कि कई बार ये भिखारी भीख मांगने के बहाने जेब पर हाथ साफ कर देते हैं या सामान छीनने की कोशिश करते हैं।
मध्य रेल नागपुर मंडल के रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि हमें भी ऐसी शिकायतें मिली हैं। जल्द ही स्टेशन परिसर में मौजूद भिखारियों को खदेड़ने का अभियान चलाया जाएगा। सामने आया है कि अधिकांश भिखारी दिनभर शहर में भीख मांगकर रात को स्टेशन पर परिसर में सोने आते हैं। जल्द ही शहर पुलिस के संबंधित विभाग के जरिए इस बारे ऐसे भिखारियों पर सख्त एक्शन लिया जायेगा।