विकसित महाराष्ट्र के लिए फ्रंटियर टेक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: यदि प्रशासन समय के साथ बदलाव को अपनाए, तो नागरिकों को अधिक तेज़, पारदर्शी और गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं मिल सकती हैं। इसी उद्देश्य को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शुरू किया गया ‘टेक वारी: महाराष्ट्र टेक लर्निंग वीक’ का यह अभिनव उपक्रम राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के कौशल विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि हम केवल बदलाव को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, बल्कि बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं, और यह संदेश ‘टेक वारी’ के माध्यम से दिया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्रालय स्थित त्रिमूर्ति प्रांगण में किया। इस अवसर पर राज्य के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशिष शेलार, प्रभारी मुख्य सचिव राजेश कुमार, महाराष्ट्र सदन की आयुक्त आर. विमला, प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता प्रभु गौर गोपाल दास सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, मंत्रालय के कर्मचारी एवं अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
अजित पवार ने बताया कि 5 से 9 मई के बीच ‘टेक वारी’ के अंतर्गत विभिन्न प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों में ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फाइनेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और ‘विकसित महाराष्ट्र के लिए फ्रंटियर टेक’ जैसे विषयों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे। इसके अलावा तनाव प्रबंधन, संगीत चिकित्सा, ध्यान एवं कार्य-जीवन संतुलन पर भी सत्र होंगे। इससे एक संतुलित और सशक्त शासकीय कर्मचारी वर्ग तैयार करने में सहायता मिलेगी।
अपर मुख्य सचिव वी. राधा ने इस पूरे उपक्रम की गहन योजना और मेहनत से नींव रखी थी, लेकिन पारिवारिक शोक के कारण वे समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं। इस दौरान सभा ने उनके पिता को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों से जुड़े स्टार्टअप्स और मन:शक्ति प्रयोग केंद्र के उपक्रमों की जानकारी का प्रदर्शन भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिल्पा नातू ने किया।
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राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशिष शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य लोकसेवा हक्क अधिनियम के तहत नागरिक केंद्रित कार्यों में देश में अग्रणी है। केंद्र सरकार की ‘आई गॉट’ प्रणाली पर सबसे अधिक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र पहले तीन स्थानों में है, और जल्द ही पहला स्थान हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी के कार्य का मूल्यांकन ही प्रशासन की समग्र कार्यक्षमता का मानदंड होता है और आज महाराष्ट्र हर परिवर्तन को अपनाकर आगे बढ़ रहा है।
प्रभारी मुख्य सचिव राजेश कुमार ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी नई तकनीकों को अपनाकर कार्य कर रहे हैं। लेकिन केवल तकनीकी दक्षता ही नहीं, बल्कि हमारी सेवाएं नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाली, यानी ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ की भावना के अनुरूप होनी चाहिए। प्रशासन को और अधिक नागरिकोन्मुखी बनाने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र सदन की आयुक्त आर. विमला ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अपर मुख्य सचिव वी. राधा के प्रयासों और राज्य के अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्साहपूर्ण प्रतिसाद के चलते महाराष्ट्र ‘आई गॉट’ प्रणाली पर देश के शीर्ष तीन राज्यों में है। ‘टेक वारी’ एक अभिनव पहल है, जिसका लाभ सभी अधिकारी अवश्य उठाएंगे।