पूर्व विधायक सदा सरवणकर (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के दौरान एक तरफ जहां सत्ता पक्ष खासकर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मंत्री और विधायक ही उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार पर फंड नहीं देने या फिर कम फंड देने का आरोप लगाते रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ शिंदे की पार्टी के पूर्व विधायक सदा सरवणकर का दावा है कि चुनाव में हारने के बाद भी चुनाव क्षेत्र में काम करने के लिए उन्हें 20 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है। सरवणकर के बड़बोलेपन की वजह डीसीएम शिंदे का सिरदर्द बढ़ सकता है। क्योंकि विपक्षी गठबंधन खासकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) को सत्तारूढ़ महायुति सरकार को घेरने का मौका मिल गया।
शिवसेना शिंदे गुट के पूर्व विधायक सदा सरवणकर ने सार्वजनिक मंच के कहा है कि भले ही मैं चुनाव हार गया हूं, लेकिन हमारा नेतृत्व, यानी मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे मेरे पीछे दृढता पूर्वक खड़े हैं। उन्होंने आगे चुनाव में अपने हार पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि विधायकों को मिलनेवाले फंड को लेकर विधायक पहले भी शिकायत करते रहे हैं। लेकिन मैंने हर इमारत में काम किया और मेरा यह अनुभव है कि काम करने के बाद भी लोग हार जाते हैं। बल्कि जी काम नहीं करते हैं वे जीतते हैं। वे जाति की राजनीति करते है। जातियों के बीच झगड़ा लगाते है और जीत जाते है। इसी दौरान उन्होंने फंड को लेकर कहा कि मैं विधायक नहीं हूं, फिर भी मुझे 20 करोड मिलते हैं।
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विधानसभा चुनाव 2024 में सरवणकर को – हराने वाले यूबीटी के विधायक महेश सावंत ने कहा कि उन्होंने यहां 20 से 40 साल तक राज किया। उन्हें लगता था कि उनसे बड़ा कोई नहीं है। लेकिन जनता ने उनका भ्रम तोड़ दिया, लोगों ने उन्हें घर में रहने की सलाह दी है। इसके बाद भी उन्हें 20 करोड़ का फंड मिला। इस पर हैरानी व्यक्त करते हुए विधायक सावंत ने कहा कि पूर्व विधायकों को खैरात दी जा रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए आगे तंज कसा कि – मानदेय बंद हो गया है, ऐसे में उनका अपना विकास कैसे होगा?