सीएम देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nashik Guardian Minister News: नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेला में अब सिर्फ डेढ़ साल शेष बचा है। कुंभ मेला की तैयारियों में शामिल नहीं किए जाने पर स्थानीय मंत्री नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। इसके अलावा, नासिक जिले के पालकमंत्री का पद पिछले 9 महीनों से खाली है। महायुति सरकार में रायगड और नासिक के पालकमंत्री पद को लेकर फंसा पेच सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है।
इसी बीच नासिक के पालकमंत्री को लेकर राज्य सरकार ने सख्त संकेत दिए हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि फिलहाल नासिक को पालकमंत्री नहीं मिलेगा।
कुंभ मेला मंत्रिस्तरीय समिति के अध्यादेश ने नासिकवासियों को एक अलग संकेत दिया है। फडणवीस सरकार ने सिंहस्थ कुंभ मेले के बेहतरीन आयोजन और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की अध्यक्षता में कुंभ मेला मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है। जबकि शिखर समिति का गठन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में किया गया है।
चूंकि नासिक में कोई पालकमंत्री नहीं है, ऐसे में नासिक के महापौर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शिखर समिति में शामिल किया गया है। लेकिन इस समिति में पालकमंत्री के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।
उम्मीद है कि इस साल नासिक-त्र्यंबकेश्वर में कुंभ मेला बिना किसी पालकमंत्री के आयोजित किया जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि नासिक के महापौर को शिखर समिति में शामिल करने के साथ ही कुंभ मेले से पहले नगर निगम चुनाव कराए जाएंगे।
शिखर समिति में पालकमंत्री का कोई उल्लेख नहीं होने से ऐसा माना जा रहा है कि नासिक को निकट भविष्य में कोई पालक मंत्री मिलने की उम्मीद कम ही है। बल्कि नासिक के पालक मंत्री पद के बारे में निर्णय कुंभ मेले के बाद ही लिया जाएगा, तब तक पालकमंत्री का पद स्थगित किया जा सकता है।
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इस बीच, सरकार ने स्थानीय मंत्रियों छगन भुजबल, दादा भुसे और माणिकराव कोकाटे को कुंभ मेला मंत्रिस्तरीय समिति में शामिल करके उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। साथ ही, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित शिखर समिति में नए जारी अध्यादेश के अनुसार, अब नासिक जिले के सभी मंत्री, सांसद और विधायक भी इस समिति में शामिल करके सरकार ने नाराजगी को छिपाने की कोशिश की है।
इसी बीच महायुति के मंत्रियों ने कुंभ मेले की योजना के मुद्दे पर भाजपा को दुविधा में डालने का काम शुरू कर दिया था। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राकां के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के छगन भुजबल तथा उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता व मंत्री दादा भुसे अलग-अलग समीक्षा बैठकें कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री शिंदे भी इस अखाड़े में कूद पड़े हैं और वह भी बैठक कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि कुंभ मेले की योजना को लेकर बढ़ रहे टकराव को टालने के लिए ही सीएम फडणवीस ने समितियों का गठन किया है।