मुंबई में फर्जी कॉल (pic credit; social media)
Fraud calls from mentally ill people: पिछले कुछ महीनों में मुंबई पुलिस को धमकी भरे कॉल्स और ईमेल्स ने पूरी तरह परेशान कर दिया है। बड़े उद्योगपति, राजनेता, धार्मिक स्थल, स्कूल, अस्पताल और यहां तक कि बॉम्बे हाईकोर्ट तक को जान से मारने और उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। लेकिन जब पुलिस इन धमकियों की जांच करती है, तो सामने कोई आतंकवादी या गंभीर अपराधी नहीं, बल्कि मानसिक रोगी या नशेड़ी व्यक्ति निकलते हैं।
पुलिस के अनुसार, कई बार ये फर्जी कॉल्स केवल आतंक फैलाने या व्यक्तिगत रंजिश के तहत की जाती हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अन्य प्रमुख लोगों को भी धमकी भरे कॉल्स मिल चुके हैं। ऐसे मामलों में पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर सबसे पहले सुरक्षा सुनिश्चित करती है और वहां मौजूद लोगों को हटाती है। इसके बाद बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (B.D.D.S.) पूरे परिसर की तलाशी लेता है। अगर कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है, तो मामला फर्जी कॉल घोषित किया जाता है।
मुंबई पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, फर्जी धमकी भरे कॉल्स और ईमेल्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2021 में 18, 2022 में 15, 2023 के पहले पांच महीनों में 12 मामले दर्ज हुए। 2024 में यह संख्या बढ़कर 20 हो गई और 2025 के पहले नौ महीनों में 15 मामले सामने आए हैं। अधिकांश मामलों में शरारत, अफवाह फैलाना या किसी को फंसाना मुख्य वजह रही है।
सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इन धमकियों की जांच में पुलिस का समय और संसाधन बर्बाद होते हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर धमकी भरे कॉल्स मुंबई ट्रैफिक पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर आते हैं, जिसे आपातकालीन स्थिति और ट्रैफिक अपडेट्स के लिए बनाया गया था। पुलिस अब इस पर कड़ी नजर रख रही है कि मानसिक रोगी या नशेड़ी इन महत्वपूर्ण नंबरों तक कैसे पहुंच रहे हैं।
इन फर्जी कॉल्स और ईमेल्स में करोड़ों रुपये की मांग, एयरपोर्ट और प्रमुख होटल उड़ाने की धमकी, सेलिब्रिटी घरों में घुसपैठ जैसी सनसनीखेज बातें भी शामिल रही हैं । पुलिस ने इन मामलों में सख्ती बढ़ाई है और ऐसे मानसिक रोगियों या नशेड़ियों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की है, ताकि फर्जी धमकियों से शहर की सुरक्षा प्रभावित न हो।