महात्मा ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले के संपूर्ण साहित्य का विमोचन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur/ Mumbai: महाराष्ट्र सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत महात्मा ज्योतिबा फुले शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति), नागपुर के माध्यम से क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले और ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले के संपूर्ण साहित्य का भव्य विमोचन मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों हुआ। कार्यक्रम में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री एवं ‘महाज्योति’ के अध्यक्ष माननीय अतुल सावे, ‘महाज्योति’ के प्रबंध निदेशक माननीय मिलिंद नारिंगे, ‘महाज्योति’ के मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी माननीय प्रशांत वावगे उपस्थित थे। निदेशक मंडल की बैठक में फुले दंपत्ति के विचारों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से उनके संयुक्त महावाणिज्य ग्रन्थ के प्रकाशन का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।
यह पुस्तक 1242 पृष्ठों की एक बहुमूल्य निधि है और इसमें महात्मा ज्योतिराव फुले की 23 पुस्तकें और सावित्रीबाई फुले की 14 पुस्तकें, उनके पत्र-व्यवहार और संबंधित दस्तावेज़ शामिल हैं। इसमें शिक्षा का अधिकार, किसानों के मुद्दे, अस्पृश्यता निवारण, स्त्री-पुरुष समानता और धर्म के वास्तविक अर्थ जैसे जीवन-दृष्टि का मार्गदर्शन करने वाले विचारों का संग्रह है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें पुणे स्थित महात्मा फुले वाड़ा और सावित्रीबाई फुले के जन्मस्थान नायगांव, सतारा के रंगीन चित्र शामिल हैं। यह पुस्तक उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग और महाराष्ट्र राज्य साहित्य एवं संस्कृति बोर्ड की स्वीकृति से प्रकाशित हुई है और इसकी कुल 27,000 प्रतियां मुद्रित हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आज मंत्रालय, मुंबई येथे महात्मा ज्योतिबा फुले संशोधन व प्रशिक्षण संस्था (महाज्योती) नागपूर यांच्या ‘क्रांतिसूर्य महात्मा जोतीराव फुले आणि ज्ञानज्योती सावित्रीबाई फुले समग्र वाङ्मय’ या पुस्तकाचे प्रकाशन केले.@Dev_Fadnavis#Maharashtra… pic.twitter.com/ZmLyNbPhVA
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) August 26, 2025
प्रत्येक जिले में 750 प्रतियां वितरित करने की जिम्मेदारी सहायक संचालक, अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग को सौंपी गई है। ये पुस्तकें जिला शिक्षा विभाग, आर्थिक विकास बोर्ड और आश्रम शालाओं-छात्रावासों के माध्यम से वितरित की जाएंगी। इसके अलावा, यह पुस्तक राज्य के सभी केंद्रीय और राज्य मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और गणमान्य व्यक्तियों को भी वितरित की जाएगी।
साथ ही, विभिन्न शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में विजयी होने वाले विद्यार्थियों को यह पुस्तक पुरस्कार के रूप में दी जाएगी, ताकि उन्हें सामाजिक परिवर्तन के लिए एक नई दिशा मिले। पहली बार सरकारी स्तर पर फुले दंपत्ति के साहित्य पर आधारित इतनी बड़ी मात्रा में साहित्य प्रकाशित हुआ है। मंत्री अतुल सावे ने यह भावना व्यक्त की कि समाज के बहुजन वर्ग को आत्मसम्मान के साथ जीने का मार्ग दिखाने वाले फुले दंपत्ति के विचारों का प्रसार निश्चित रूप से अधिक व्यापक होगा।
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अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री एवं ‘महाज्योति’ के अध्यक्ष अतुल सावे ने कहा कि फुले दंपत्ति की विरासत केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि आज के समाज में व्याप्त असमानता पर प्रहार करने का एक जीवंत मार्गदर्शक है। उनके विचारों से हम स्पष्ट रूप से सीख सकते हैं कि शिक्षा ही मुक्ति का सच्चा हथियार है। महिलाओं का सशक्तिकरण समाज की प्रगति का मूल है और अन्याय व अंधविश्वास के विरुद्ध संघर्ष रुकना नहीं चाहिए, यही उनका सशक्त संदेश है। आज भी असमानता, अज्ञानता, अंधविश्वास और जातिगत भेदभाव इस समाज को क्षीण कर रहे हैं। ऐसे में, फुले दंपत्ति का सर्वांगीण साहित्य नई पीढ़ी के लिए एक प्रकाश स्तंभ होगा।