चीन से ई-सिगरेट तस्करी (pic credit; social media)
E-cigarette Smuggling From China: मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चीन से तस्करी करके लाई गई ई-सिगरेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में लगभग 32 लाख रुपये की ई-सिगरेट जब्त की गई और एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान रवींद्र किशोर डेड़िया के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे रिमांड में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, जब्त ई-सिगरेट डिजिटल उपकरण हैं और प्रत्येक डिवाइस से 200-250 कश लेने की क्षमता है। भारत में इनकी कीमत लगभग 2,000 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि चीन में ये सिर्फ 500 रुपये में उपलब्ध हैं। इस अंतर का फायदा उठाकर डेड़िया कथित तौर पर इस खेप को भारत में भारी मुनाफे के लिए लाने की साजिश कर रहा था।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि डेड़िया ने इस खेप को समुद्री मार्ग से भारत लाने की योजना बनाई थी। अधिकारियों ने कहा कि तस्करी के पीछे की नेटवर्क और आपूर्ति श्रृंखला की जांच जारी है। इस कार्रवाई से पता चलता है कि कैसे अवैध ई-सिगरेट भारत में बड़ी संख्या में घुसपैठ कर सकती थी।
मुंबई पुलिस का कहना है कि इस तरह की तस्करी स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। ई-सिगरेट के उपयोग से कई बार स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं सामने आती हैं, खासकर युवा वर्ग में। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अवैध डिजिटल सिगरेट खरीदने या उपयोग करने से बचें।
इस गिरफ्तारी और जब्ती के बाद पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने लोग इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े हुए थे और अन्य संभावित खेपों की जानकारी जुटा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, रवींद्र किशोर डेड़िया से पूछताछ के बाद तस्करी की पूरी योजना और आपूर्ति श्रृंखला का खुलासा होने की उम्मीद है। मुंबई में यह कार्रवाई एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि अवैध व्यापार करने वालों को कानूनी कार्रवाई से नहीं बचाया जाएगा।
इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चीन से अवैध ई-सिगरेट की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस सतर्क है और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। अब जनता को भी जागरूक रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की जरूरत है ताकि ऐसे अवैध नेटवर्क को समय रहते रोका जा सके।