
पुनर्वास योजना के लाभार्थियों को देते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: एक्स@mieknathshinde)
मुंबई: रमाबाई अंबेडकर नगर और कामराज नगर के पुनर्विकास को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जा रहा है। इस पुनर्वास योजना के पात्र लाभार्थियों को मकान के किराए का चेक मुख्यमंत्री शिंदे ने दिया। इस मौके पर आवास मंत्री अतुल सावे और कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी मौजूद थे। इस अवसर पर बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुंबई दुनिया का नंबर वन शहर बनना चाहिए।
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब का सपना था कि झोपड़पट्टी में रहने वाले चालीस लाख लोगों को मुफ्त घर दिया जाए। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ नहीं हो पाया। हर किसी का घर का सपना होता है। मैंने एमएमआरडीए के कमिश्नर संजय मुख़र्जी से कहा है कि जिस तरह का घर का मॉडल मुझे दिखाया गया है, घर भी वैसे बनाए जाने चाहिए। मुंबई से बाहर गए मुंबईवासियों को मुझे फिर से मुंबई में लाना है। आज आप को चेक दिया जा रहा है और जल्द ही आप लोगों को घर भी देंगे।
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मुंबईतील सर्वसामान्य माणसाचे स्वतःच्या हक्काच्या घरात राहण्याचे स्वप्न पूर्ण व्हावे, शहरातील रखडलेले एसआरएचे प्रकल्प पूर्ण व्हावेत यासाठी सिडको, एमएमआरडीए, एमएसआरडिसी, एमआयडीसी, मुंबई महानगरपालिका यांच्या माध्यमातून हे प्रकल्प पूर्णत्वास नेण्याचा आमचा प्रयत्न आहे. त्यातील रमाबाई… pic.twitter.com/vVf7b8FkyY — Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) September 3, 2024
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैंने और उपमुख्यमंत्रियों ने मिलकर तय किया है कि अगर हमें मुंबई को अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर बनाना है, तो हमें मुंबई को स्लम-मुक्त शहर बनाना होगा। हमने तय किया है कि पहले चरण में हम मुंबई में दो लाख घर बनाएंगे। आज तक आम आदमी झोपड़पट्टी में रह रहा है, लेकिन हमारी सरकार में किसी का हक़ नहीं मारा जाएगा। मुंबई के झोपड़पट्टी वासियों को अच्छा घर जरूर मिलेगा।
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फिलहाल एमएमआरडीए रमाबाई अंबेडकर नगर और कामराज नगर का पुनर्विकास कर रहा है। इसके अतिरिक्त अब म्हाडा, एमएसआरडीसी, सिडको और एमआईडीसी भी स्लम पुनर्विकास का काम करेंगे। बीएमसी की सीमा में आने वाली झोपड़पट्टी के प्रोजेक्ट बीएमसी करेगी और पुनर्वास के लिए किराया भी देगी और उन्हें घर भी अच्छी क्वालिटी के देने होंगे।






