मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को एक बार फिर अपना सवाल दोहराते हुए कहा कि सोने का चम्मच मुंह में लेकर जन्म लेने वाले लोग 1500 रुपए का महत्व कैसे समझ सकते हैं? शांतीब्रह्म ह.भ.प. मारोती महाराज कुरेकर बाबा के 93 वें अभिष्टचिंतन समारोह में सीएम शिंदे ने विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के नेताओं, खासकर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता व विधायक आदित्य ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अब तक लगभग 600 निर्णय लिए हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर निर्णय ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन), योजना के नीचे दब गए हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमने लाडली बहन योजना शुरू की। कोई योजना ऐसे ही शुरू नहीं कर सकते हैं। इसमें बहुत मेहनत लगती है। कुछ लोग योजना की आलोचना कर रहे हैं। सवाल पूछ रहे हैं कि 1500 रुपए में खरीद रहे हो क्या? क्या आप रिश्वत ले रहे हो? लेकिन मैं एक सामान्य परिवार का लड़का हूं। मैंने अपनी मां को अभाव में गुजारा करते देखा है।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मारोती महाराज कुरेकर को शांतिब्रह्म पुरस्कार से सम्मानित किया और बोले कि महाराष्ट्र संतों की भूमि है। कुरेकर बाबा और ढोक महाराज को बधाई। देर से आने के लिए खेद है। आज का कार्यक्रम जीवन में सर्वाधिक खुशी देनेवाला समय है। संत की भक्ति से बढ़कर सौभाग्य क्या है। संत का अधिष्ठान राजनीतिक अधिष्ठान से भी बड़ा है। धर्मवीर आनंद दिघे हर हरिनाम सप्ताह में जाते थे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमने बीते कई वर्षों से बंद पड़े प्रोजेक्ट शुरू किए। किसानों के लिए 1 रुपये में फसल बीमा जैसी कई योजनाएं लाएं। 2 साल में मैं और क्या करूंगा। मुझे समय देंगे कि नहीं? एकनाथ शिंदे झूठ नहीं बोलते। बाला साहेब ठाकरे कहते थे कि किसी को वचन देने से पहले सौ बार विचार करें। इसलिए हम अपना वादा निभाते हैं। लाडली बहन योजना के लिए अगले एक वर्ष तक का प्रावधान किया है। यह भेंट नियमित रूप से मिलेगी।
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सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि यदि कोई मेरे पास काम लेकर आता ही है तो फीस लिए बगैर उसका काम करता हूं। मेरी इतनी ही अपेक्षा है कि मेरे पास आया व्यक्ति खाली हाथ न जाए। शपथ विधि के दौरान मैं और देवेंद्र फडणवीस साथ थे यह भी इतिहास है। ऐसा इतिहास रचने के लिए साहस की जरूरत होती है।