छत्रपती संभाजी राजे व देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त, 2024 को गिर गई थी। इस घटना के कारण महाराष्ट्र का सियासी पारा पहले ही चढ़ा हुआ है। उस पर अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रस्तावित स्मारक के कारण विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। गौरतलब हो छत्रपती संभाजी राजे ने रविवार को स्मारक के लिए मुंबई में आंदोलन किया।
अपने नवगठित सियासी दल ‘महाराष्ट्र स्वराज्य पार्टी’ को भारत निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने के बाद पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति राज्य में अपने पहले अनोखे आंदोलन का ऐलान किया था। संभाजी राजे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं अपने समर्थकों से अरब सागर में शिव स्मारक को दूरबीन से ढूंढ़ने के लिए गेटवे ऑफ इंडिया के पास जुटने का आह्वान किया था। लेकिन कार्यकर्ताओं समर्थकों के साथ आगे बढ़ रहे संभाजी राजे को पुलिस ने रास्ते में रोक लिया।
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संभाजी राजे ने कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक की आधारशिला रखी थी। जल पूजन करते समय मेरे मन में संदेह था, लेकिन कुछ अच्छा काम हो रहा था इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। अब 8 साल हो गए हैं लेकिन स्मारक दूरबीन से भी नहीं दिखता।
संभाजी राजे ने कहा कि सरदार पटेल का स्मारक बन गया तो शिवाजी महाराज का क्यों नहीं बना? जबकि केंद्र और राज्य में आपकी ही सरकार हैं, ऐसा कहते हुए संभाजी राजे ने सत्ताधारियों एवं नेताओं को अपनी राजनीति चमकाने के लिए महाराज के नाम का इस्तेमाल करने से बाज आने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव के दौरान महाराज के नाम का इस्तेमाल करके वोट मांगना, इसे वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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उपमुख्यमंंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि स्मारक बने, यह सभी शिव भक्तों की इच्छा है। लेकिन संभाजी राजे को यह भी देखना चाहिए कि अदालत में जाकर इस स्मारक के काम में अड़ंगा कौन डाल रहा है और वे किसके वकील हैं? जो वकील कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक प्रचारक हैं वे अदालत में जाते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक को रोकने के लिए स्टे ले आते हैं। इसलिए संभाजी राजे को उनके खिलाफ भी बोलना चाहिए। हम अदालत में लड़ रहे हैं। हम उस स्मारक को न्यायालय की मंजूरी अवश्य दिलाएंगे।