पुलिस उत्पीड़न से तंग बिल्डर ने की आत्महत्या (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: जब कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएं, जब न्याय की आस में खड़े व्यक्ति को लगातार अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़े तब कोई इंसान इतना टूट भी सकता है की आत्महत्या ही कर ले। मुंबई के नालासोपारा क्षेत्र से ऐसी ही एक दिल दहली दने वाली घटना सामने आई है, जहां एक वरिष्ठ निर्माण व्यवसायी ने पुलिस उत्पीड़न से त्रस्त होकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
जयप्रकाश चौहान, उम्र 64 वर्ष, एक जिम्मेदार बिल्डर थे। उन्होंने आत्महत्या से पहले एक पत्र में लिखा कि “श्याम शिंदे और उसके साथियों की प्रताड़ना से तंग आकर मैं यह कदम उठा रहा हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार वही है।”
मंगलवार को जयप्रकाश चौहान ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। उनके परिवारवालों का कहना है कि वह पिछले कई महीनों से मानसिक तनाव में थे। आत्महत्या से पहले छोड़ी गई चिट्ठी में उन्होंने साफ-साफ लिखा कि वे लगातार मिल रही धमकियों और मानसिक प्रताड़ना से थक चुके हैं।
जयप्रकाश चौहान ने नालासोपारा में ‘ओम श्री दर्शन’ नामक इमारत के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। इसी परियोजना में पुलिसकर्मी *श्याम शिंदे* ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से 50 लाख रुपए का निवेश किया था, जिसमें उसे दोगुना पैसा और 4 फ्लैट देने का वादा किया गया था।
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समय के साथ निर्माण में देरी हुई, जैसा कि अक्सर होता है। लेकिन इसके बाद श्याम शिंदे, राजेश महाजन और लाला लजपत नामक व्यक्तियों ने चौहान पर अत्यधिक दबाव बनाना शुरू किया। परिजनों के अनुसार, चौहान ने इन लोगों को 22 लाख रुपये ऑनलाइन और 10 लाख रुपये नकद कुल 32 लाख रुपये लौटाए थे। इसके बावजूद, धमकियाँ बंद नहीं हुईं।
चौहान की बेटी के अनुसार, उनके पिता को कहा गया कि यह इमारत अब हमारी है, यदि तुमने इसे नहीं छोड़ा तो झूठे मामले में फंसा देंगे। यह भी आरोप लगाया गया कि उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई। सुसाइड नोट में भी साफ लिखा गया है कि लगातार मानसिक उत्पीड़न और अवैध दबाव से तंग आकर वह आत्महत्या कर रहे हैं।
जयप्रकाश चौहान की बेटी ने आचोले पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मृतक की आत्महत्या को लेकर अनैसर्गिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।