राम कदम और उद्धव ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Ram Kadam on Uddhav Thackeray interview: शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे का सामना में दिया इंटरव्यू अब चर्चा का विषय बन गया है। संजय राउत ने लिए उद्धव ठाकरे के इस इंटरव्यू में उन्होंने ठाकरे ब्रांड की बात कही थी और बताया था कि आज भी लोग क्यों उनके साथ जुड़े है। उनकी इस टिप्पणी पर अब सत्ता पक्ष हमला बोल रहा है। सत्तापक्ष उनके दावों को भी खारिज कर रहा है।
उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कदम ने कहा कि वे खुद ठाकरे ब्रांड को बर्बाद करने का कारण है। उन्होंने यह भी कह दिया कि लोग बालासाहेब की विचारधारा का पालन करते है, ना कि उद्धव ठाकरे की।
भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने खुद ठाकरे ब्रांड को बर्बाद कर दिया। वह राहुल गांधी की गोद में बैठ गए और शरद पवार को रिमोट की तरह उन्हें नियंत्रित करने दिया। देश ने यह देखा। जब उद्धव ठाकरे ने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को त्याग दिया, तो उन्होंने अपनी विरासत को ही मिटा दिया।”
Mumbai, Maharashtra: BJP MLA Ram Kadam says, “Uddhav Thackeray himself destroyed the Thackeray brand. He sat in Rahul Gandhi’s lap and allowed Sharad Pawar to control him like a remote. The country saw this. When Uddhav Thackeray abandoned the Hindutva ideology of the late… pic.twitter.com/XJklOKwiTs — IANS (@ians_india) July 19, 2025
बालासाहेब की विचारधारा पर कहते हुए उन्होंने कहा, “एक बात स्पष्ट रूप से याद रखनी चाहिए, जो लोग अभी भी स्वर्गीय बालासाहेब की विचारधारा का पालन करते हैं। यही कारण है कि एकनाथ शिंदे की पार्टी के 60 विधायक चुनकर आए। वे मजबूती से खड़े हैं। उद्धव ठाकरे को मानने वाले नहीं है। ”
भाषा विवाद को लेकर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच छिड़े वाकयुद्ध पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “यह उनका निजी मामला है, लेकिन राज ठाकरे को एक बात याद रखनी चाहिए – हिंदी को जबरन थोपने का फैसला उद्धव ठाकरे ने ही लिया था।”
Mumbai, Maharashtra: On fierce war of words erupted between MNS chief Raj Thackeray and BJP MP Nishikant Dubey over language row, BJP MLA Ram Kadam says, “This is their personal matter, but Raj Thackeray should remember one thing – it was Uddhav Thackeray who made the decision to… pic.twitter.com/f5GSrfJGcq — IANS (@ians_india) July 19, 2025
हिंदी की पीछे जवाबदारी पर उद्धव ठाकरे को दोष देते हुए राम कदम ने कहा, “इसलिए, अगर किसी को जवाबदेह ठहराया जाना है, तो देश देखे कि वह अपने ही चचेरे भाई के साथ कैसा व्यवहार करता है, जिसने यह फैसला लिया। उसके बाद ही दूसरों से न्याय की मांग की जानी चाहिए। तुम्हारे खुद के चचेरे भाई ने फैसला लिया है। कागजात है, इसे कैसे नकार सकते है। इनको मराठी से कोई लेना-देना नहीं। इन दोनों दलों का जनाधार इनसे टूट चुका है। इन्हें मुंबई का ‘म’ नहीं दिख रहा है। इन्हें ‘म’ से मुंबई महानगरपालिका का चुनाव दिख रहा है।”
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उद्धव ठाकरे के बयान पर राम कदम ने दोनों भाइयों पर आरोप लगाया कि भाषा को लेकर विवाद ये केवल निकाय चुनाव के लिए कर रहे है। क्योंकि ये दोनों भाई जानते है कि जनता का इन पर से भरोसा उठ चुका है। राम कदम ने कहा है कि भाषा को लेकर किसी से मारपीट करना है तो उन्हें उद्धव से करनी चाहिए।