चुनाव आयुक्त पटना में (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Election 2025 का बिगुल बस बजने ही वाला है और राजधानी पटना आज सियासी गहमागहमी का केंद्र बन गई है। एक ओर जहां मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अपनी पूरी टीम के साथ चुनावी तैयारियों की आखिरी समीक्षा करने पटना पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों का जमावड़ा भी लगा है। चुनाव आयोग की ताबड़तोड़ बैठकें यह संकेत दे रही हैं कि तारीखों का ऐलान किसी भी पल हो सकता है, जबकि बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति और उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देने में जुटी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी के साथ शुक्रवार देर रात पटना पहुंचे। आज उनका कार्यक्रम बेहद व्यस्त है। सबसे पहले वे पटना के होटल ताज में भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस समेत सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके सुझाव लेंगे। इसके बाद, प्रदेश के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव की जमीनी तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। यह दो दिवसीय दौरा बिहार चुनाव के लिए निर्णायक माना जा रहा है।
चुनाव आयोग का यह दौरा महज एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि चुनाव की घोषणा से पहले की अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, रविवार को आयोग की टीम प्रवर्तन एजेंसियों, राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक करेगी। इन बैठकों का उद्देश्य एक निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करना है। आयोग के अधिकारियों के अनुसार, इस दौरे के समापन और टीम के दिल्ली लौटने के बाद किसी भी दिन बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है।
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जिस वक्त चुनाव आयोग अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा होगा, ठीक उसी वक्त पटना स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की पहली चुनाव समिति की बैठक भी चल रही होगी। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल होंगे। इस बैठक का मुख्य एजेंडा सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर चर्चा करना और जिलेवार मिले उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श कर अंतिम सूची तैयार करना है।