शिवसेना प्रमुख का पार्थिव शरीर दो दिन मातोश्री में रखा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: दशहरा के मौके पर मुंबईकरों ने गुरुवार को दोनों शिवसेना का शक्ति प्रदर्शन देखा। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दादर स्थित शिवाजी पार्क मैदान से बीजेपी, आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला बोला। लेकिन सर्वाधिक चर्चा हो रही है गोरेगांव-पूर्व स्थित नेस्को मैदान में दिए गए उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के दशहरा सम्मेलन के दौरान दिए गए रामदास कदम के बयान की।
कदम ने उद्धव पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को दो दिनों तक मातोश्री में क्यों रखा गया? उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख का इलाज करनेवाले डॉक्टर अभी भी हैं, उनसे पूछीए कि उद्धव ने बालासाहेब के पार्थिव शरीर दो दिन तक क्यों रखा? इसके साथ ही उन्होंने डीसीएम शिंदे से मामले की जांच कराने की मांग की। पूरे राज्य में उनका बयान शुक्रवार को भी बहस का मुद्दा बना रहा।
कदम के आरोपों का उपमुख्यमंत्री शिंदे की पार्टी के नेता एवं कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि उस समय मैं भी मातोश्री में था। विनायक राउत ने दो दिन पहले शिवाजी पार्क में तैयारी की थी। राउत ने एक शेल्टर बनाया था। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने पूछा कि क्या हुआ? बाद में दिवाकर रावते ने वहां जाकर सारी तैयारी ध्वस्त कर दीं। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि कदम के आरोप गलत हैं। इसी तरह बीजेपी नेता एवं मंत्री नितेश राणे ने भी कदम के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को जवाब देना चाहिए कि बालासाहेब ठाकरे के हाथ के निशान लेने के लिए स्विट्जरलैंड से कौन आने वाला था और क्या इस वजह से यह प्रक्रिया रोकी गई थी?
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के सांसद संजय राउत, अंबादास दानवे, चंद्रकांत खैरे, सुषमा अंधारे ने रामदास कदम के बयान की कड़ी आलोचना की। तो वहीं यूबीटी विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि बार बंद होने से कदम का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि यदि सम्मेलनों में कदम ऐसे विवादित बयान नहीं देंगे तो पार्टी में उन्हें कोई पूछेगा नहीं। जाधव ने ये भी याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद उद्धव ने ही कदम को विधान परिषद में भेजा था।
कदम ने उद्धव गुट के आरोपों के जवाब में पलटवार करते हुए कहा कि मैं भाषण के दौरान भावनाओं में बहकर कुछ कह दिया था लेकिन मैं अपने बयान पर कायम हूं। आप चाहें तो मेरा और उद्धव ठाकरे का नार्को टेस्ट करवा लें। कदम ने शुक्रवार को शरद पवार को भी इस विवाद में घसीटते हुए कहा कि पवार ने उद्धव के सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को संबोधित करते हुए कहा था, अरे मिलिंद, बालासाहेब के पार्थिव शरीर को उद्धव कष्ट क्यों दे रहा हैं?
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रामदास कदम के आरोपों का यूबीटी के विधायक एडवोकेट अनिल परब शनिवार को पत्रकार परिषद में जवाब देने वाले हैं। माना जा रहा है कि अनिल परब पत्रकार परिषद में बालासाहेब की वसीयत को लेकर भी बड़ा खुलासा कर सकते हैं।