(डिजाइन फोटो)
मुंबई: लोकसभा चुनाव में महायुति का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इससे सबक सीखते हुए महायुति में शामिल घटक दल अब विधानसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि महायुति में सीटों के बंटवारे पर अभी निर्णय नहीं हो सका है लेकिन सभी पार्टियां में अपने स्तर पर अनुकूल सीटों एवं उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी सांसद अशोक चव्हाण ने महायुति की चुनावी तैयारियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है।
बीजेपी सांसद चव्हाण का दावा है कि महायुति के घटक दल चुनाव तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ेंगे। लेकिन महायुति में सीएम फेस पर फैसला अभी नहीं किया जाएगा। यानी महायुति में फिलहाल सीएम पद पर सस्पेंस ही बना रहेगा।
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माना जा रहा है कि कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) की तर्ज पर बीजेपी नीत सत्तारूढ़ महायुति में भी सीएम पद और सीटों के बंटवारे का फैसला आसान नहीं लग रहा है। कहने को तो दोनों गठबंधन के नेता सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं लेकिन अंदरखाने खबर यह है कि दोनों गठबंधनों में सीटों के बंटवारे और सीएम पद को लेकर घमासान मचा है। क्योंकि महा विकास आघाड़ी की तरह बीजेपी में भी सीएम बनने की इच्छा रखने वाले कई नेता मौजूद हैं।
महाराष्ट्र बीजेपी के तमाम नेता और कार्यकर्ता यही चाहते हैं कि कम से कम इस विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बन जाएं। खुद बीजेपी महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मंत्री चंद्रकांत पाटिल और गिरीश महाजन जैसे कई नेता फडणवीस को अगला सीएम बताते रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे का और उपमुख्यमंत्री अजित पवार का भी है।
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शिवसेना (शिंदे गुट) चाहता है कि 2024 विधानसभा चुनाव के लिए एकनाथ शिंदे को सीएम पद का चेहरा घोषित किया जाए। इसी तरह अजित पवार की पार्टी की सभा-सम्मेलनों में भी अजित को अगले सीएम बताने वाले पोस्टर, बयान देखने-सुनने को मिलते रहते हैं।
गौरतलब हो कि महा विकास आघाड़ी की तरह बीजेपी में भी जिसके ज्यादा विधायक उसका सीएम वाला फार्मूले पर ही विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। ऐसे में गठबंधन में शामिल दल ज्यादा से ज्यादा और जीतने योग्य सीट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और उसके अनुरूप उनकी उम्मीदवारों की तलाश भी चल रही है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी में इच्छुकों की सूची भी काफी लंबी है। उस पर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद यह तय माना जा रहा है कि अब खासकर बीजेपी अपने उम्मीदवारों का चयन बड़ी ही सतर्कता के साथ करेगी। ताकि विधानसभा चुनाव में उसके ज्यादा से ज्यादा विधायक चुने जाएं और संख्याबल के आधार पर सीएम का पद हासिल किया जा सके। ऐसे में कई मौजूदा विधायकों को अपना टिकट कटने का डर सता रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी सांसद अशोक चव्हाण ने कहा कि महायुति के घटक दल आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ेंगे। लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला चुनाव के नतीजे आने के बाद महायुति के घटक दलों के सभी प्रमुख नेता मिलकर करेंगे। इसी तरह विधानसभा में किसे कितनी सीटें मिलेंगी, यह भी पूरी तरह से वहां की स्थिति पर निर्भर करता है, जहां जिस पार्टी के जीतने की संभावना अधिक होगी उसे वह सीट दी जाएगी।