बीड मामले में बोले अबू आजमी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले के गेवराई तहसील के अर्धा मसाला गांव में रविवार तड़के मस्जिद के अंदर दो युवकों ने विस्फोट कर दिया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की और मामले में संदिग्ध विजय राम गव्हाणे और श्रीराम अशोक सागड़े को गिरफ्तार किया है। घटना के कारण गांव में तनाव चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
बीड में मस्जिद में हुए विस्फोट पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी कहते हैं, “जब मंत्री और यहां तक कि मुख्यमंत्री भी रोज़ाना मुसलमानों के खिलाफ़ कुछ न कुछ बोलेंगे, तो आम आदमी में मुसलमानों के प्रति नफ़रत पैदा होगी, और यह उसी का नतीजा है।”
अबू आजमी ने आगे कहा, “नागपुर में एक व्यक्ति ने कहा – वहां मस्जिद कैसे बन गई? अगर नहीं हटाई जाती तो मैं उसे तोड़ देता, और बाद में उस व्यक्ति ने मस्जिद पर बम फेंका, और उसके खिलाफ़ बहुत सुविधाजनक धाराएं लगाई गईं। मैं मांग करता हूं कि उसके खिलाफ़ आतंकवाद के मामलों में लगाई जाने वाली सबसे सख्त धाराएं लगाई जानी चाहिए।
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | On the explosion at a mosque in Beed, Samajwadi Party MLA Abu Azmi says, “When ministers and even the chief minister will say things against Muslims every day, then there will be hatred in common man against Muslims, and this is the result of the… pic.twitter.com/Sjc5xatuBC — ANI (@ANI) March 31, 2025
सपा महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी ने मांग करते हुए कहा, “एनआईए और एटीएस को जांच करनी चाहिए। अगर कोई मुसलमान ऐसा करता है, तो बहुत जल्दी बुलडोजर चला दिया जाता है, लेकिन मुझे लगता है कि इस मामले में बुलडोजर पंचर हो गया है। इस देश में क्या हो रहा है?”
वक्फ संशोधन बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने कहा, “वक्फ की जमीन हमारी जमीन है। यह अल्लाह की जमीन है। सरकार ने हमें यह जमीन नहीं दी है। हम वक्फ बिल में संशोधन नहीं चाहते हैं।”
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प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर दौरे पर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने कहा, “कई साल हो गए हैं जब प्रधानमंत्री मोदी वहां नहीं गए। भाजपा का सबसे बड़ा समर्थक आरएसएस है। अगर वे वहां जा रहे हैं, तो मैं आरएसएस प्रमुख से अनुरोध करता हूं कि वे उन्हें ‘राजधर्म’ का पालन करने के लिए कहें। मुसलमान इस देश में संवैधानिक रूप से रहते हैं। लेकिन अब हमारे यहां रहने के अधिकार को छीना जा रहा है।”
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद करने की मांग पर उन्होंने कहा, “जो लोग दुकानें बंद करने की मांग कर रहे हैं, वे राजनीति से प्रभावित हैं। हिंदू भी मीट खाते हैं। यह आपकी इच्छा है। अगर आप नहीं चाहते हैं, तो मांसाहार न करें। लेकिन नफरत न फैलाएं।”