मुंबई हाईकोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
ठाणेः बॉम्बे हाईकोर्ट ने दुर्गामाता विवाह हॉल को अनधिकृत निर्माण घोषित करते हुए केडीएमसी (कल्याण-डोंबिवली नगर निगम) को तत्काल ध्वस्त करने का आदेश दिया है। समाजसेवक अनिल कृपाशंकर शुक्ला ने भू-माफिया सुशील शुक्ला और केडीएमसी के अधिकारियों पर पैसों के लेन-देन का आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भू-माफिया सुशील शुक्ला और उनके सहयोगियों ने कल्याण पूर्व के कोलसेवाडी में जी+2 कॉमर्शियल संरचना के रूप में लगभग 6000 वर्ग फुट क्षेत्र में दुर्गामाता विवाह हॉल का अवैध निर्माण किया है। इस अवैध निर्माण को रोकने और ध्वस्त करने की शिकायत केडीएमसी के आयुक्त और सहायक आयुक्त कल्याण को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार दी जा चुकी है। बावजूद इसके, केडीएमसी अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह अनधिकृत निर्माण अब भी बरकरार है।
ये भी पढ़ें-झारखंड चुनाव में कल्पना सोरेन का वैलेंटिनो बैग बना चर्चा का विषय, कीमत जान उड़ जाएंगे होश
इस अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करवाने के लिए, अनिल कृपाशंकर शुक्ला (पता: 702, स्वानंदी सीएचएस, बी 3 बिल्डिंग, शक्तिधाम कॉम्प्लेक्स, कल्याण पूर्व, जिला ठाणे 421306) ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की जांच और सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने दुर्गामाता विवाह हॉल को अनधिकृत निर्माण करार देते हुए केडीएमसी को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।
ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है आयुष विश्वविद्यालय, चलेंगे पीएचडी समेत दर्जनभर नए कोर्स
समाजसेवक अनिल कृपाशंकर शुक्ला ने बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश की प्रति केडीएमसी के आयुक्त और सहायक आयुक्त कल्याण को सौंपने के बावजूद, दुर्गामाता विवाह हॉल को ध्वस्त करने से केडीएमसी अधिकारी कतरा रहे हैं। उन्होंने भू-माफिया सुशील शुक्ला और उनके सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए केडीएमसी अधिकारियों पर सुशील शुक्ला से पैसों के लेन-देन का गंभीर आरोप भी लगाया है।
ये भी पढ़ें-राष्ट्रपति मुर्मू 22 नवंबर को हैदराबाद में ‘लोकमंथन-2024’ का करेंगी उद्घाटन
गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के बाद यदि किसी भी विभाग द्वारा एक्शन नहीं लिया जाता है, तो कोर्ट संबंधित संस्था और संबंधित अधिकारी पर अवमानना की कार्रवाई कर सकती है। हालांकि अब इस मामले में देखना होगा कि कोर्ट के आदेश के उल्लंघन के बाद क्या एक्शन लिया जाता है।