मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा (pic credit; social media)
Maharashtra skill hub 2047: कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने विश्वास व्यक्त किया है कि वर्ष 2047 तक महाराष्ट्र को विश्वस्तरीय कौशल केंद्र बन जाएगा। ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ के लिए कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार विभाग की कार्यशाला में उन्होंने कहा कि 2047 तक महाराष्ट्र को विश्व स्तरीय कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार विभाग सभी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक नीति लागू की जाएगी।
सह्याद्री अतिथि गृह में ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ पर एक विशेषज्ञ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान 60 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर मंत्री लोढ़ा ने कहा कि यदि छात्रों को विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, तो रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। इसके लिए कौशल विकास विभाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय छात्रों को अधिक रोजगार दिलाने के लिए यह विचार-मंथन अत्यंत आवश्यक है।
कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग फिनलैंड के महावाणिज्य दूतावास और उसके स्टार्टअप एक्सचेंज, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए सहयोग करेगा। गति फाउंडेशन तकनीकी सहायता के लिए राज्य-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट एजेंसी के साथ सहयोग करेगा। मैजिक बिलियन्स स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में वैश्विक नौकरियों के लिए प्रशिक्षण और भर्ती के लिए सहयोग करेगा।
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चारकोस एंटरप्राइजेज आपसी सहयोग से कुशल स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को विदेशों में प्लेसमेंट और लक्षित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। अपग्रेड, स्वदेश फाउंडेशन और एटलस स्किल यूनिवर्सिटी ने व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के माध्यम से, रमाबाई अंबेडकर गर्ल्स आई.टी.आई. दादर संस्थान को 10 वर्षों के लिए गोद लिया जाएगा और विकसित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा वर्मा, रतन टाटा कौशल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अपूर्वा पालकर, कौशल विकास आयुक्त लहुराज माली, ‘मित्र’ के अतिरिक्त मुख्य अधिकारी अमन मित्तल और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय की निदेशक माधवी सरदेसाई, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग प्रमुख, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, बहुराष्ट्रीय संगठन और विकास सहयोगी शामिल हुए।