महाराष्ट्र में कुपोषण ग्रहण (pic credit; social media)
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के करीब है। पीएम मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, तो अकेले महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाकर पीएम मोदी के सपने साकार करने सहयोग का लक्ष्य राज्य की महायुति सरकार ने निर्धारित किया है। इस बीच देश के इस सबसे विकसित राज्य महाराष्ट्र पर कुपोषण का ग्रहण लगने की शर्मनाक जानकारी भी सामने आई है।
महाराष्ट्र में लाखों बच्चे कुपोषण से ग्रस्त पाए गए हैं। इससे भी हैरानी की बात यह है कि इनमें से सर्वाधिक कुपोषित बच्चे वैश्विक शहर एवं देश की आर्थिक राजधानी का रुतबा प्राप्त मुंबई शहर में मिले हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र में 1 लाख 82 हजार 443 कुपोषित बच्चे पाए गए हैं। इनमें से 30 हजार 800 बच्चे गंभीर कुपोषण की श्रेणी में हैं, जबकि 1 लाख 51 हजार 643 बच्चे मध्यम कुपोषण की श्रेणी में हैं। यह जानकारी राज्य सरकार ने विधानसभा में लिखित जवाब में दी है। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे अधिक मुंबई उपनगरीय जिले में है, जो 2 हजार 778 है।
कांग्रेस विधायक ठाकरे ने उठाया मुद्दा
विधानमंडल के चौथे दिन कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे और अन्य सदस्यों ने राज्य में कुपोषण की दर को कम करने के उपायों के संबंध में एक तारांकित प्रश्न उठाया था। जिसके लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास विभाग ने कुपोषित बच्चों के आंकड़े दिए। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लगभग 3 हजार 602 पद रिक्त हैं।
इसी तरह बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों के पद भी रिक्त हैं। लिखित उत्तर में बताया गया है कि इन रिक्तियों को भरने के लिए प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार ने लिखित उत्तर में 2025 में मुंबई, उपनगरीय, ठाणे शहर, ठाणे ग्रामीण, नासिक, पुणे, धुले, संभाजीनगर और नागपुर में पोषण ट्रैक के आंकड़े भी दिए हैं। इसके आंकड़े इस प्रकार हैं।
जिला | मध्यम कुपोषित बच्चे | गंभीर कुपोषित बच्चे |
---|---|---|
मुंबई उपनगरीय | 13,457 | 2887 |
ठाणे | 7366 | 844 |
नासिक | 8944 | 1852 |
पुणे | 7410 | 1666 |
धुले | 6377 | 1741 |
छत्रपति संभाजीनगर | 6487 | 1439 |
नागपुर | 6715 | 1373 |
अकोला | 6578 | 1274 |