(कॉन्सेप्ट फोटो)
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लाडली बहन’ योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि लगभग 2.25 करोड़ लाभार्थी महिलाओं के खाते में योजना की जून महीने की किस्त का पैसा जमा करा दिया गया है। तो वहीं सरकार ने लगभग 26.34 लाख लाभार्थी महिलाओं को योजना के लिए अयोग्य घोषित किया है। अत: अयोग्य घोषित महिलाओं को अब योजना का पैसा नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार ने पहली बार ‘लाडली बहन’ योजना की लाभार्थी महिलाओं और अपात्र महिलाओं की संख्या की घोषणा की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 26.34 लाख लाभार्थी महिलाओं को लाडली बहन योजना की पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार अयोग्य घोषित किया गया है।
महराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि “मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना” के तहत सभी पात्र आवेदनों की पहचान करने के लिए सभी सरकारी विभागों से जानकारी मांगी थी। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जानकारी प्रस्तुत की है कि लगभग 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेअंतर्गत पात्र ठरलेल्या सर्व अर्जांची ओळख पटवण्यासाठी महिला व बालविकास विभागाने शासनाच्या सर्व विभागांकडून माहिती मागवली होती. यानुसार माहिती व तंत्रज्ञान विभागाने सुमारे २६.३४ लाख लाभार्थी अपात्र असताना देखील लाडकी बहीण योजनेचा लाभ घेत असल्याची…
— Aditi S Tatkare (@iAditiTatkare) July 26, 2025
बताया जा रहा है कि सरकार ने उन लाडली बहनों को जून महीने से योजना का लाभ नहीं देने का निर्णय लिया है, जो एक से ज्यादा योजनाओं का लाभ ले रही हैं। इसी तरह कुछ परिवारों में 2 से ज्यादा लाभार्थी महिलाओं को योजना का लाभ मिल रहा था।
इससे पहले जांच में ये खुलासा हुआ था कि सरकारी कर्मचारी महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठा रही थीं। जबकि आयकर से सरकार को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार, 2.5 लाख से अधिक आय वाले परिवारों वाली लाभार्थी महिलाओं की संख्या 50 लाख से ज्यादा है। इसलिए, निकट भविष्य और 50 लाख लाभार्थी महिलाओं को अयोग्य घोषित किया जाना तय है।
लाडली बहन की लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों की जांच में पता चला है कि कुछ जगहों पर पुरुष महिला बनकर योजना का लाभ ले रहे थे। जांच में महिला बनकर योजना का लाभ लेने वाले 14,298 पुरुषों को चिन्हित किया गया है। अगस्त 2024 में लाडली बहन योजना शुरू किए जाने के बाद से इन पुरुष लाभार्थियों को सरकार 21.44 करोड़ रुपयों का भुगतान कर चुकी है।
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महिला बनकर योजना का लाभ लेने वाले पुरुषों की संख्या और बढ़ सकती है। क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आंकड़ों की जांच में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में 2,36,014 लाभार्थियों के नाम संदिग्ध मिले। इनके पुरुष होने की आशंका व्यक्त की गई।
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने महिला के नाम पर योजना का लाभ लेने वाले पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा पैसे की वसूली करने का आदेश दिया है। तो वहीं उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कहा है कि योजना का गलत लाभ लेने वाले पुरुषों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ पैसों की वसूली भी की जाएगी।