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जलगांव : महावितरण (MSEDCL) ने समय-समय पर नागरिकों से बिजली लाइनों (Power Lines) से सुरक्षित दूरी बनाए रखने और रहने की अपील की है। इसके बावजूद जिले के कुछ हिस्सों में बिजली के झटके (Tremors) से मौतें जारी हैं। MSEDCL के अनुसार, पिछले एक साल में जलगांव जिले में इस घटना में 30 लोगों और 42 जानवरों की मौत हुई।
बरसात के मौसम में बिजली व्यवस्था के संपर्क में आने वाली हर वस्तु से सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि, बारिश शुरू होने से पहले हवा और आंधी तूफान ने बिजली की लाइनें तोड़ दीं। साथ ही बारिश के कारण नमी होने पर बिजली का करंट लीक हो रहा है। जिसके कारण इन तारों के सम्पर्क में आने से नागरिकों को झटका लग रहा है। इससे मौतें भी हुई हैं। ‘महावितरण’ की गलती के कारण कुछ घटनाएं हुईं, तो कुछ घटनाएं नागरिकों की लापरवाही के कारण भी घटित हुई है।
जलगांव जिले में वर्ष 21-22 में 95 विद्युत दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिसमें कई घटनाओं की सूचना नागरिकों ने दर्ज कराई नहीं है। हालांकि महावितरण में दर्ज 95 विद्युत दुर्घटनाओं में 42 पशुओं की मौत होने की पुस्टि की गई वही करंट लगने से तीस नागरिक मारे गए और 16 घायल हुए हैं।
महावितरण के कर्मचारियों को बिजली का काम करने के लिए हर तरह की तकनीकी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बावजूद महावितरण के कर्मचारी अक्सर अचानक बिजली गुल होने या अन्य तकनीकी कारणों से मौत का शिकार होते हैं। पिछले साल जलगांव जिले में एक दुर्घटना में महावितरण के पांच कर्मचारी घायल हो गए थे। वहीं दो बाहरी कर्मि घायल हुए हैं।
कोई भी वस्तु जो पानी के कारण गीली हो जाती है। जिसमें विद्युत वाहक है। इसलिए, महावितरण ने सार्वजनिक स्थानों जैसे बिजली के उपकरणों या घरेलू उपकरणों के साथ-साथ कृषि पंप, स्विच बोर्ड, टीन शेड, मवेशी शेड आदि में बिजली दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमेशा सतर्क और गीली अवस्था में हाथ न लगाने की अपील की है।






