शरद पवार, समरजीत घाटगे और हसन मुश्रीफ (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: कागल विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी के नेता समरजीत घाटगे मंगलवार को शरद पवार की राकां में शामिल हो गए। इस मौके पर शरद पवार के साथ-साथ उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और समरजीत ने क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के विधायक एवं मंत्री हसन मुश्रीफ पर जमकर निशाना साधा। शरद पवार ने चुनौती दी कि कागल की जनता लाचारी स्वीकार करने वालों को सबक सिखाएगी तथा साथ देने की बजाय छोड़कर जाने वालों को उनकी हैसियत बताएगी।
शरद पवार और समरजीत की टिप्पणी का मुश्रीफ ने बुधवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पवार मेरे जैसे सामान्य अल्पसंख्यक कार्यकर्ता के पीछे क्यों पड़े हैं? यह जानने का कोई मार्ग मुझे सूझ नहीं रहा है। इसी के साथ उन्होंने समरजीत को चुनौती देते हुए कहा कि शरद पवार से कोई बैर नहीं लेकिन समरजीत की खैर नहीं। मुश्रीफ ने कहा कि राकां के 40 से 50 विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी। लेकिन शरद पवार सिर्फ मेरे पीछे क्यों पड़े हैं। यह जानने का कोई उपाय नहीं है।
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हसन मुश्रीफ ने कहा कि मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि यह चुनाव नायक बनाम खलनायक के बीच है। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि शरद पवार ने हमेशा प्रजा और सामान्य जनता के बीच से आए कार्यकर्ताओं का प्रचार किया है। समरजीत के तुतारी हाथ में लेने का क्या असर होगा, के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव में क्या होगा? नतीजा जनता तय करेगी। किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता है।
समरजीत के एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में शामिल होते ही शरद पवार ने कहा कि समरजीत को कागलकर को भारी मतों से निर्वाचित करें। वह महाराष्ट्र विधानसभा में सिर्फ विधायक नहीं रहेंगे। उन्हें वहां मनचाहा काम करने का मौका दिया जाएगा। यह विचार मेरे मन में काफी समय से है। इस तरह समरजीत को मंत्री बनाने के संकेत दिए जाने की मुश्रीफ ने आलोचना की।
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मुश्रीफ ने कहा कि मंत्री बनने के लिए पहले चुनाव में जीत हासिल करनी पड़ती है। पिछले छह चुनावों में मैंने जीत हासिल की है। तब मेरे सामने एक से बढ़कर एक उम्मीदवार थे। तीन बार यह तीन-तरफा लड़ाई थी, तीन बार यह दो-तरफा लड़ाई थी, फिर भी मैं विजयी हुआ।