
गोंदिया न्यूज
Maharashtra disabled certificate verification: दिव्यांग विभाग के प्रधान सचिव तुकाराम मुंडे ने दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमाणपत्र की जांच करने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार, राज्य में दिव्यांगों के प्रमाणपत्र की जांच का अभियान शुरू किया गया है। फिलहाल, गोंदिया जिप में दिव्यांग प्रमाणपत्र की जांच की जा रही है।
अब तक प्रमाणपत्र जमा करने वाले 211 अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमाणपत्र जांच पड़ताल किए जा चुके हैं, जिनमें से 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार के दिव्यांग विभाग के प्रधान सचिव मुंडे ने राज्य के सभी दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमाणपत्र की जांच करने के आदेश जारी किए हैं जो सरकारी नौकरी में हैं।
इस संबंध में विधायक बापूसाहेब पठारे ने विधानसभा में एक सवाल उठाया था। इसके अनुसार, राज्य के सभी जिलों से जानकारी मांगी गई थी। इस संबंध में गोंदिया जिप में भी दिव्यांग कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल की गई। दिव्यांग का लाभ लेने वाले 211 अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच की गई, तो 16 अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए गए, क्योंकि उनकी दिव्यांगता 40 प्रश। से कम थी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
जिप सीईओ मुरुगानंथम के आदेश के अनुसार, दिव्यांग प्रमाणपत्र जांच पड़ताल समिति के अध्यक्ष व अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी तानाजी लोखंडे, सामान्य प्रशासन के उपमुख्य कार्यपालन अधिकारी फनिंद्र कुतीरकर के नेतृत्व में यह जांच पडताल अभियान चलाया गया। कहा जा रहा है कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी स्वस्थ रहने के बावजूद दिव्यांग प्रमाणपत्र दिखाकर योजना का लाभ उठा रहे हैं।
यह भी पढ़ें – 2 मंत्री, 10 विधायक और 1355 कर्मचारी शीतकालीन सत्र में पड़े बीमार, नागपुर की ठंड नहीं आई रास
फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र जमा करने वाले 16 कर्मचारियों में से सामान्य प्रशासन विभाग के दो, पंचायत विभाग के दो, निर्माण विभाग का एक, शिक्षा विभाग के नौ और स्वस्थ्य व वित्त विभाग का एक-एक कर्मचारी ऐसे कुल 16 कर्मचारी अब तक दोषी पाए गए हैं। जिप के अलग-अलग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर अलग-अलग चरण में कार्रवाई होने से हडकंप मचा है।






